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भरतपुर: ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना का आरोप

प्रशासन पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना का आरोप, ग्रामीणों ने उठाई निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग

भरतपुर, राजस्थान: ग्राम ईटामडा के ग्रामीणों ने प्रशासन पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खसरा नंबर 1708 पर उच्च न्यायालय का स्टे होने के बावजूद ग्राम पंचायत ने अवैध बाउंड्री का निर्माण करवा दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस गैर-मुमकिन मरघट भूमि पर बाउंड्री बनाकर निर्माण कार्य पास कराया गया, जिसका उद्घाटन मंत्री द्वारा किया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत अवैध रूप से मिस्टौल चला रही है, जो कि उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन इस अवैध मिस्टौल को तुरंत बंद कराए और उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित करे। ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है और प्रशासन की अनदेखी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है।

ग्रामीणों ने सरकार और संबंधित अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

भरतपुर: न्याय की गुहार लगाते ग्रामीण, प्रशासनिक अनदेखी पर उठाए सवाल

भरतपुर, राजस्थान: ईटामडा गांव के ग्रामीणों ने प्रशासनिक अनदेखी और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। ग्रामीणों का आरोप है कि खसरा नंबर 1698 गैरमुनिकिन रास्ता और 1708 गैरमुनिकिन मरघट पर अवैध निर्माण किया गया है, जिसे लेकर उन्होंने एसबी सिविल रिट याचिका संख्या 8506/2020 के तहत राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

ग्रामीणों ने कई बार उपखण्ड अधिकारी भुसावर और जिला कलेक्टर भरतपुर को शिकायतें दीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उच्च न्यायालय ने पब्लिक लैण्ड प्रोटेक्शन सैल (पी.एल.पी.सी) के माध्यम से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि खसरा नंबर 1708 पर अवैध बाउंड्री बिना नापतोल के बनाई गई है, जिसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड पंचायत में मौजूद नहीं है।

ग्रामीणों ने 11 मार्च 2024 को एक और प्रार्थना पत्र कलेक्टर भरतपुर को सौंपा, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उनकी मांग है कि निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रशासन की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को धमकियों और गाली-गलोच का भी सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं।

ई खबर मीडिया के लिए  ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट

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