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नगालैंड फायरिंग पर गृहमंत्री अमित शाह ने दिया बयान, कहा- घटना के बाद की बात

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में बीते दिन नगालैंड में हुई फायरिंग घटना को लेकर बयान दिया है। उन्‍होंने इस घटना पर दुख जताया है। उन्‍होंने कहा है कि इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा और ये एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्‍होंने बताया कि ये मामला गलत पहचान का है। उनके मुताबिक स्थिति गंभीर है लेकिन नियंत्रण में है।

नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित फायरिंग में कम से कम 13 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद आम नागरिकों की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। इस घटना के बाद भड़की हिंसा में एक सैनिक की भी मौत हो गई। इससे पहले नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने सुरक्षाबलों द्वारा नागरिकों की कथित हत्याओं की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था।

उधर, नगालैंड सरकार ने भड़काऊ वीडियो, तस्वीरें या टेक्स्ट मैसेज का प्रसार रोकने के लिए जिले में मोबाइल, इंटरनेट और डाटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने मारे गए नागरिकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये देने की भी घोषणा की है। आज मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो घटनास्थल का दौरा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को घटना के बारे में अवगत करा दिया गया है।

गौरतलब कि गोलीबारी की पहली घटना शनिवार शाम ओटिंग और तिरु गांवों के बीच हुई। कुछ दिहाड़ी मजदूर कोयला खदान से पिक अप वैन से अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान सुरक्षा बलों ने इन मजदूरों को गलती से उग्रवादी समझ लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर गोलीबारी की थी। इसमें छह मजदूरों की मौत हो गई थी। मजदूर जब अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवा और ग्रामीण उन्हें खोजते हुए घटनास्थल तक पहुंचे। उन्होंने सैन्य बलों को घेरकर उन पर हमला कर दिया। उन्होंने सुरक्षा बलों के वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। इस संघर्ष में एक सैनिक की मौत हो गई।

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