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सोनभद्र: प्रभावशाली लोगों पर जमीन कब्जा करने का आरोप, किसान बोला-पुलिस बना रही है दबाव

किसान के परिवार ने लगाया जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप

उत्तर प्रदेश: जिला सोनभद्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार ये दोहरा चुके हैं कि भू-माफियाओं को चिन्हित करके प्रशासन सबके साथ सख्त रुख अपनाये। इसके बावजूद भी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से जमीनों के कब्जा करने की खबरें आ रही हैं। ताजा मामला सोनभद्र जिले का है, यहाँ एक किसान की पैतृक भूमि पर कब्जे का मामला सामने आया है।

इस मामले में पीड़ित किसान का आरोप है कि दबंग किस्म के लोगों ने पहले मेरे खेत से लगी हुई जमीन का बैनामा करा के मेरी भी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत थाने के पुलिस अधिकारीयों से की लेकिन हमारी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है, क्योंकि इन दबंग किस्म के लोगों को सत्ता से जुड़े होने और उनका संरक्षण प्राप्त है।

क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला सोनभद्र रामसागर पुत्र स्व. भंगी निवासी ग्राम सेमरी मिश्र, परगना बड़हर, थाना-करमा, तहसील-घोरावल, जिला सोनभद्र का है। इसी रोड के नजदीक किसान रामसागर की करीब कई बीघा कृषि भूमि है, जिसके बड़े हिस्से पर दबंगों द्वारा कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि मेरी जमीन का पहले से ही रकवा कम था और पिछले कुछ दिनों से वर्तमान पुलिस और लेखपाल की मिली भगत से के नशे में प्रशासन से सांठ गांठ करके मेरे ही खेत में हमें जुताई करने से रोक रहे हैं और दर्जनों पेड काट दिए।

पीड़ित का आरोप है कि हमारे साथ मारपीट और घर की महिलाओं के साथ अभद्रता कर रहे हैं। पीड़ित नें बताया कि जिस जमीन पर कब्जा करने का प्रयास दबंगों द्वारा किया जा रहा है, उस जमीन पर 2024 से ही सिविल न्यायालय का स्टे का आदेश है, उसके बावजूद दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

पीड़ित किसान के बेटे ने कहा कि दबंग लोग प्रशासन को भी गुमराह कर रहे हैं और पुलिस को मौके पर बुलाकर हमें थाने ले जाया गया, मैंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई और उन्हें न्यायालय का आदेश भी दिखाया लेकिन विरोधी पक्ष मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की भी धमकी दी जा रही हैं

डी एम कलेक्टर और जज के स्टे आदेशों को दरकिनार कर हो रही कर्यवाही!

न्यायालय चकबन्दी अधिकारी राबर्ट्सगंज, कैम्प घोरावल, के यहाँ विचाराधीन वाद मंगी बनाम अवधेश्वर वाद संख्या 11 वर्ष 2022-23 के निस्तारण तक विपक्षी को मौके पर यथास्थिति कायम रखे जाने का आदेश हो, जिससे मौके पर शान्ति व्यवस्था कायम हो सकें।

क्या लिखा हैं पत्र में: सविनय निवेदन है कि प्रार्थी के पिता भंगी पुत्र चौधरी जाति चमार अनुसूचित जाति ग्राम-सेमरी मिश्र के वर्तमान आराजी नं0 177 रकबा 2 बिस्वा 16 धूर व आराजी नं0 176 सम्पूर्ण रकबा 2 बिस्वा 3 धूर जो पुराने नम्बर 319 / 386 मि रकबा 2 बिस्वा 16 घूर तथा 319 / 386 मि रकबा 4 धूर से बना है। जिसका उल्लेख जोत चकबन्दी आकार पत्र 41 में अंकित है। अर्थात आराजी नं0 319 / 386 का सम्पूर्ण रकबा 3 विस्खा जो जोत चकबन्दी आकार पत्र 2ए में व सी0एच0-4 में प्रार्थी के पिता भंगी पुत्र चौधरी का कब्जा 20 वर्ष से बताया गया, तथा सी0एच0-2ए में चकबन्दी अधिकारी द्वारा आदेशानुसार मुकदमा नं0 4625 तारीख फैसला दिनांक 30.07.1978 को आदेश हुआ कि नम्बर 318 / 386 से कब्जा परताली भंगी पुत्र चौधरी का नाम खारिज होवे, तथा आराजी नं0 318 / 386 के स्थान पर 319 / 386 दर्ज कागजात होवे, का आदेश हुआ, लेकिन त्रुटिवश उक्त विरेन्द्र नाथ पुत्रगण त्रिभुवन नाथ निवासी ग्रामवासी जाति ब्राह्मण के खाते में चला गया और उक्त नम्बर जो पुरानी आराजी नं0 319 रकबा 6 बिस्वा से नया बने नम्बर 173 से सटी है। की नापी आराजी मं0 173 के मूल खातेदार अबधेश्वर प्रसाद व त्रिभुवन नाथ रहे। जिन्होने मालती देवी के पक्ष में अन्तरण कर दिया। जिन्होंने श्रीमान् जी के न्यायालय से पक्की नाप करायी है।

पीड़ित के बेटे अमरजीत वह माता दुर्गावती के मुताबिक, विरोधी पुलिस और लेखपाल से सांठगांठ करके जमीन की नाप जोख की गई, जबकि मेरे अनुरोध के बावजूद लेखपाल नें दबंगों द्वारा जबरन कब्जा की गई जमीन की नाप जोख ये कहकर नहीं की कि मेरा काम बस रस्सी आदि से सीमांकन करना है।

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि स्थानीय पुलिस भी उन पर ही एकतरफा समझौते का दबाव बना रही है, स्थानीय नेताओं के दबाव में मेरे घर की महिलाओं को पुलिस उठा कर थाने ले जाने की धमकी देती हैं, जमीन के बड़े टुकड़े पर जेसीबी चलाकर कब्जा करने का दबंग लगातार प्रयास कर रहे हैं।

रामसागर ग्राम सेमरी मिश्र जिला सोनभद्र थाना करमा ब्लाक करमा तहसील घोरावल

हमारा घर तीन सौ साल पुराना है। हमारे दवरा के सामने हमारे ही जमीन में दिवार खड़ी कर रहे है। इसमें जितने भी पेड़ पौधे थे सभी काट दीयें है और थाने पर सुचना देने पर कोई सुनवायी नहीं हो रही पुलिस और लेखपाल दोनों ने स्टे देने पर जबर जस्ती बोले जाने पर मार काटने की बात करते हैं और पर एसडीएम की बाद न मानकर जबरदस्ती दीवार खड़ी कर रहे हैं शामिल हैं सुनिल मिश्रा, चंद्रज्ञान मिश्रा और अतुन मित्रा भी शामिल है।

वहीं इस पूरे मामले पर जिला प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

ई खबर मीडिया के लिए देव शर्मा की रिपोर्ट

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