18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू, पीएम मोदी के बाद अब अन्य सदस्य ले रहे सांसद पद की शपथ
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है। संसद सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा। जिसके बाद राष्ट्रपति सदन के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सदन की नियमित कार्यवाही शुरू होगी।
आज से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरु हो गया है। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को शपथ दिलाई। वहीं अब सदन में लोकसभा सदस्यों के शपथ ग्रहण का दौर जारी है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद पद की शपथ ली।
पीएम मोदी के बाद प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए नियुक्त सदस्य फग्गन सिंह कुलस्ते और राधा मोहन सिंह ने सांसद पद की शपथ ली। इसके बाद मंत्रीपरिषद के सदस्य राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर ने भी शपथ ली। अब सदन के अन्य सदस्य शपथ ले रहे हैं।
सत्र से पहले पीएम ने किया संबोधित
सांसदों के शपथ ग्रहण से पूर्व पीएम मोदी ने कहा कि ‘संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है,यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग नए उत्साह के साथ नई गति प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत के निर्माण और विकसित भारत का लक्ष्य ये सारे सपने लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया।’
आपातकाल को किया याद
पीएम मोदी ने इस दौरान आपातकाल को याद करते हुए कहा कि ‘कल 25 जून हैं। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं।’
पीएम ने कहा कि ‘भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।’
सत्र से पहले विपक्ष न किया विरोध
वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने को लेकर लोकसभा सत्र से पहले सदन परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों का विरोध किया है।
26 जुलाई को होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव 26 जून को होगा। इसके बाद 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सदन के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। वहीं 28 जून से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। दो अथवा तीन जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल सकते हैं।
मजबूत दिखेगा विपक्ष
बीते 10 सालों से लोकसभा में सिमटा दिख रहा विपक्ष इस बार संसद में मजबूत दिखेगा। इस बार विपक्षी सांसदों की सदस्य संख्या 234 से इनमें से 99 सदस्य कांग्रेस के हैं, जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या 293 है, जिनमें भाजपा के 240 सदस्य होंगे।
पेपर लीक को लेकर छिड़ा है विवाद
देशभर में नीट यूजी और यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर सियासत जारी है, वहीं सदन में भी विपक्ष इसको लेकर सरकार पर आक्रामक दिखे सकता है। इसके साथ ही प्रोटेम स्पीकर को लेकर भी विपक्ष सदन में सरकार को घेरने का प्रयास करेगा।