जब आए तो लाखों रुपये के कर्ज में डूबा था फार्म, अब सेवानिवृत हुए तो नहीं एक रुपये बकाया: जेडीए
सीहोर। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो पढ़ाई करते-करते ही शासकीय सेवा में आ जाते है, उनमें से एक हैं बीपी कटारिया जिन्होंने 20 वर्ष की आयु में आरईओ के पद पर 1979 में बुधनी ब्लाक में पदस्थापना हुई थी, जिन्होंने सबसे अधिक 40 वर्ष की सेवाएं देकर कई ब्लाकों में काम करते हुए एक नीति पर काम किया, वह संस्था का विकास व लाभ में पहुंचाना। जब यह फंदा कृषि फार्म में सहायक संचालक बनकर 2014 में आए थे तो संस्था 45 लाख के कर्ज में थी और जब आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो संस्था का कर्ज शून्य है, वहीं सोसायटियों से लाखों रुपए वसूलना है। इनके कार्यकाल में कभी मनमुटाव भी सामने नहीं आया। बड़ी सहजता से काम करते हुए सभी लोगों ने इनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। कई मौके ऐसे भी सामने आए जब श्री कटारिया ने फार्म के अंदर अपने निजी व्यय से कई काम कराए। सूखे की जमीन को सिंचित कराया।
मंगलवार को बीपी कटारिया सहायक संचालक पद से सेवानिवृत्त होने पर यह बात भोपाल संभाग संयुक्त संचालक कृषि बीएस बिलहयाबी ने कही। इस मौके पर कृषि उपसंचालक भोपाल एसएन सोनानिया, भोपाल व फंदा फार्म स्टाफ ने श्री कटारियों को शाल-श्रीफल, फूलमाला व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। साथ ही उनके उज्जवल भाविष्या की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी। इसके अलावा संयुक्त संचालक ने श्री कटारिया से उनके अनुभवों का लाभ लेने के लिए समय-समय पर संस्था में आने का आग्रह किया। इस मौके पर श्री कटारिया के बेटे कपिल गौर व परिजनों की मौजूदगी में उन्हें विदाई दी गई।