MP का पावर हाउस है सिंगरौली, फिर भी अंधेरे में 75 गांव
सिंगरौली। प्रदेश के टॉप औद्योगिक जिलों में शुमार सिंगरौली पर देश का तीसरा सबसे पिछड़ा जिला होने का दाग लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह एक सीमित एरिया बैढ़न तक ही विकास होना है। बैढ़न से बाहर निकलते ही पिछड़ापन देखा जा सकता है।
सिंगरौली से देश और प्रदेश को बिजली मिल रही है। यहां पांच पावर प्लांट में 35 हजार मेगावाट से ज्यादा की बिजली पैदा की जा रही है, लेकिन इससे 20 किमी दूर के ही गांव अंधेरे में हैं। जिले के 75 गांव ऐसे हैं, जहां अब तक बिजली के तार तक नहीं बिछाए गए हैं।
यही हाल स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और अन्य मूलभूत सुविधाओं का है। प्रमुख औद्योगिक केन्द्र फिर भी प्रदेश में प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में 35वें नं. पर है। 13 लाख की आबादी वाले सिंगरौली जिले के पिछड़ने की यह सबसे बड़ी वजहें हैं।
जमीन के बदले मुआवजा मिला
सिंगरौली में उद्योग तो खूब लगे। जिले में 6 उद्योग संचालित हैं, वहीं 4 प्रोसेस है। लेकिन वास्तव में जो लाभ जिले के लोगों को मिलना चाहिए था। वह मिला ही नहीं। यहां दूसरे प्रदेशों के लोगों को नौकरी मिली। यही वजह है कि लोगों के आय का जरिया नहीं है।
अगर कुछ को रोजगार मिला भी तो वे ठेकेदार के मजदूर बन गए। बिजली की बात करे तो सिंगरौली जिले में एनटीपीसी, हिंडालको ,जेपी निगरी ,एस्सार पावर ,सासन पावर प्लांट से करीब 35 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
बावजूद इसके चितरंगी ब्लाक के करीब 35 गांव, देवसर ब्लाक के 24 गांव और बैढ़न ब्लाक के 16 गांव के लोग आज भी अंधेरे में रह रहे है। विस्थापन का दर्द झेल रहा जिला आजादी के बात से यहां विस्थापन शुरू हो गया और आज तक होता चला रहा है।
यहां ऐसे भी लोग हैं तो पांच से सात बार विस्थापित हो चुके है। अब इनके पास केवल सिर छुपाने की जगह बची है,रही बात मुआवजा की तो आज भी लड़ाई ग्रामीणों द्वारा लड़ी रही है। गांव के गांव विस्थापन में चले गए।
सिंगरौली जिले में और भी विकास की संभावनाए है यहां पर प्राकृतिक संपदा पर्याप्त रूप से मौजूद है। प्रधानमंत्री ने आदर्श देश व विकसित करने की उद्देश्य को लेकर यह सर्वे कराया है, कुछ मामलों में योजनाओं का लाभ वास्तविक हितग्राहियों तक नहीं पहुंचा है। -अनुराग चौधरी, कलेक्टर
नीति आयोग का पैरामीटर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार यानी निचले स्तर पर सर्वे का काम किया गया है। जिले में कई उद्योग स्थापित है इसके लिए हम लकी है।