भोपाल: एसपी राहुल लोढ़ा के ट्रांसफर से पहले बजरंग दल का कड़ा विरोध, अभिषेक कुशवाहा और सुरेंद्र सिंह चौहान के विशेष नेतृत्व में सड़कों पर उतरे सैकड़ों कार्यकर्ता
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एसपी राहुल कुमार लोढ़ा की नियुक्ति से पहले ही बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। रतलाम में गणेश प्रतिमा जुलूस के दौरान उपजे विवाद में एसपी लोढ़ा द्वारा की गई एकतरफा कार्रवाई के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया। इस घटना में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और एक युवक की मौत से आक्रोशित बजरंग दल ने राहुल लोढ़ा को हिंदू विरोधी मानसिकता का अधिकारी करार दिया।
गणेश प्रतिमा जुलूस पर विवाद और पुलिस की कार्रवाई
रतलाम में गणेश प्रतिमा के जुलूस के दौरान पत्थरबाजी की अफवाह फैली, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना के बाद माहौल बिगड़ गया, और हिंसा के दौरान एक युवक की मौत हो गई। बाद में एसपी राहुल लोढ़ा ने सीसीटीवी फुटेज की जांच के आधार पर पत्थरबाजी की घटना को झूठा करार दिया, जिसके बाद हिंदू संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई। बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने इसे पक्षपातपूर्ण बताते हुए आरोप लगाया कि एसपी लोढ़ा ने हिंदू संगठनों को जानबूझकर निशाना बनाया।
जिला वीर सावरकर प्रताप प्रखंड मंत्री अभिषेक कुशवाहा और प्रांत संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह चौहान का नेतृत्व
बजरंग दल के *जिला वीर सावरकर प्रताप प्रखंड मंत्री अभिषेक कुशवाहा* और प्रांत संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह चौहान ने इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य भूमिका निभाई। दोनों ने मिलकर रतलाम की घटना में पुलिस की एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा संभाला और एसपी राहुल लोढ़ा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। अभिषेक कुशवाहा ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने बिना निष्पक्ष जांच के हिंदू समुदाय को दोषी ठहराने का प्रयास किया, और लोढ़ा की हिंदू विरोधी मानसिकता को उजागर किया।
अभिषेक कुशवाहा ने कहा, “हम हिंदू समाज के खिलाफ किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे। एसपी लोढ़ा ने जानबूझकर हिंदू संगठनों को निशाना बनाया और हम इसके खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।”
भोपाल में लोढ़ा का ट्रांसफर और बजरंग दल की चेतावनी
भोपाल में एसपी राहुल लोढ़ा की नियुक्ति से पहले हुए इस व्यापक विरोध और अभिषेक कुशवाहा तथा सुरेंद्र सिंह चौहान के विशेष नेतृत्व में उठी आवाज ने प्रशासन पर दबाव बनाया, जिसके परिणामस्वरूप लोढ़ा का ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि यह ट्रांसफर प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया जा रहा है, लेकिन बजरंग दल इसे अपनी जीत मान रहा है।
सह संयोजक अभिजीत सिंह राजपूत और विभाग मंत्री जीवन शर्मा ने भी इस विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाई। दोनों नेताओं ने कहा कि हिंदू समाज के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर बजरंग दल चुप नहीं बैठेगा और भविष्य में भी इस प्रकार के कदम उठाए जाते रहेंगे।
बजरंग दल की भविष्य की रणनीति
बजरंग दल ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में हिंदू समाज के खिलाफ इस प्रकार की घटनाएं दोहराई गईं, तो वह और बड़ा आंदोलन करेंगे। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं, और अभिषेक कुशवाहा और सुरेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में युवाओं को एकजुट कर राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करने के लिए काम करता रहेगा।
*संयोजक दिनेश यादव* ने इस विरोध को संगठन की एकता और ताकत का प्रतीक बताते हुए कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ता धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।