Madhy Pradesh

सात दिन में खराब हो गया इस ब्रांडेड कंपनी का जूता, ये हुई कार्रवाई

रायपुर। जिला उपभोक्ता फोरम में कई ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें शो रूम मालिक, छोटे-बड़े दुकानदारों ने दावे कर सामान बेचा और खराब निकल गया, इस पर उन्हें हर्जाना देना पड़ रहा है। जरूरत है थोड़ी समझदारी दिखाकर दुकानदारों के खिलाफ शिकायत करने की।

एक मामले में उपभोक्ता फोरम ने वुडलैण्ड कंपनी को आदेश दिया है कि वह मात्र 7 दिन में खराब हो गए जूते को बदलकर ग्राहक को नया जूता दे और वाद व्यय के दो हजार रुपए भी अदा करे।

आज आना, कल आना कहकर घुमाते रहे

ग्राम बिजराडीह बलौदाबाजार से रायपुर आए युवा प्रवीण कुमार बंजारे ने 28 फरवरी 2016 को आमापारा स्थित जूता शो रूम से वुडलैण्ड कंपनी का जूता, जूते की पालिश व ब्रश 5533 रुपए में खरीदा। मात्र 7 दिन के भीतर जूते का तलवा निकल गया।

इसकी शिकायत शो रूम जाकर करने पर जवाब मिला कि जूता छोड़ दो ठीक करके दे देंगे। ग्राहक प्रवीण ने कहा कि बेचते समय दावा किया था कि जूता मजबूत है, लेकिन 7 दिन में ही टूट गया।

जूते को बदलकर दूसरा दिया जाए। विक्रेता की ओर से कहा गया कि मैन्युफैक्चरिंग में कोई डिफेक्ट नहीं है, बल्कि पेस्टिंग में खराबी है। ठीक करके दे देंगे। इसके बाद आज आना, कल आना कहकर घुमाया जाता रहा।

कंपनी साबित नहीं कर सकी कि मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं था

ग्राहक प्रवीण ने परेशान होकर उपभोक्ता फोरम में शिकायत की और जूते की रकम के अलावा 15 हजार रुपए क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय भी मांगा। फोरम ने जांच में पाया कि कंपनी ने अपने ग्राहक के साथ सेवा में कमी की है।

साथ ही कंपनी ने ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया जिससे साबित हो सके कि मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं था। फोरम ने आदेश में कहा कि ब्रांडेड कंपनी से कीमती जूता क्रय किया जाता है और 7 दिन में ही खराब हो जाता है तो यह निश्चय ही जूते की निम्न क्वालिटी को दर्शाता है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष उत्तरा कुमार कश्यप व सदस्य प्रिया अग्रवाल, संग्राम सिंह भुवाल ने आदेश में कहा कि कंपनी अपने ग्राहक को नया जूता दे और वाद व्यय दो हजार रुपए भी अदा करे।

ऐसे मामले जिस पर उपभोक्ता हो रहे जागरूक

– गारंटी अवधि में मोबाइल खराब होने

– वाहन खरीदने के बाद पार्ट्स खराब होने का पैसा वसूलने

– जरूरत से ज्यादा बिजली बिल भेजने और भूल न सुधारने

– नुकसान होने के बावजूद बीमा कंपनी द्वारा भुगतान न करने

– ट्रेन में खराब खाना परोसने

– बस का टिकट अचानक कैंसिल करने

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