Madhy Pradesh

पूर्व कोरोना पीडित की मौत से उठे सवाल

इंदौर के एक निजी अस्पताल से एक माह उपचार के बाद वापस घर लौटे एक व्यक्ति की अचानक तबियत बिगडने से हुई मौत ने कई सवालों को जन्म दिया है। जानकारी के अनुसार सीहोर जिले की आष्टा तहसील स्थित  बजरंग काॅलोनी निवासी प्रवीण पिता ओमप्रकाश उपध्याय कोरोना पाजिटीव लक्षण पाये गए थे। जिसके बाद उसका उपचार एक माह तक इंदौर के एक निजी अस्पताल में चला था। बताया जा रहा है की कुछ दिनो पूर्व अस्पताल द्वारा मतक को अस्पताल द्वारा कोरोना नेगेटिव का प्रामाण पत्र देकर डिस्चार्ज कर दिया गया था।
उसकी अचानक तबियत बिगडने पर एक शासकीय चिकित्सक की सलाह पर किसी निजी लैब पर लेजाया गया था। जहां से उसे सांस लेने में हो रही तकलीफ को देखते हुए शासकीय अस्पताल में लेजाया गया जहां उसकी मौत हो गई। इस 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत ने कोरोना को लेकर अस्पतालों में किये जा रहे उपचार को लेकर कई सवाल खडे किये है। जब इस मौत को लेकर बीएमओ प्रवीर गुप्ता से बात की गई तो उन्होने बताया की मतक के फेफडों में भारी संक्रमण था जिसके कारण उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। अब सवाल यह उठता है की जब उक्त मृतक के दोनो फेफडों में संक्रमण था तो अस्पताल प्रषासन द्वारा किस आधार पर उसे कोरोना नेगेटिव प्रामाणपत्र देकर डिस्चार्ज किया गया था। यदि इस मामले की उपर से नीचे तक सही जांच की जाये तो कई सच्चाई सामने आ सकती है।

Related Articles

Back to top button