मुख्यमंत्री के गृह जिले में इलाज के लिए भटक रहा प्रभुलाल, गांव में स्वास्थ्य सुविधाए बेहाल
दिनेश नागर
मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर की तहसील इछावर के गांव बोरदी खुर्द निवासी बुजुर्ग प्रभुलाल कर्मा अपनी पत्नी रेशम बाई को बैलगाड़ी में लेटा कर बच्चे के हाथों में छाता थमा कर चिलचिलाती धूप में इलाज के लिए सराकरी उप स्वास्थ्य केंद्र लेकिन यहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। किसी ने रेशम बाई के इलाज की जहमत नहीं उठाई। प्रभुलाल कर्मा कई जगह भटकने के बाद वापस अपनी बिमारीप पत्नी को वापस घर ले आया। यह किसी एक गांव या एक ग्रामीण की परेशानी नहीं है,अधिकांश गांव में यही हाल है।
यहां रहने वाले रवि जाट ने बताया कि बुजुर्ग अपनी पत्नी को लेकर सुबह से इलाज के नाम पर भटक रहे हैं लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र पर किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है कोई डॉक्टर नहीं है एवं सुविधाओं के नाम पर सिर्फ दिखावा है गांव में हालात बिगड़ते जा रहे हैं अगर स्वस्थ विभाग इस ओर ध्यान नहीं रहता है तो आने वाले दिनों मैं हालात इससे कहीं ज्यादा अधिक बिगड़ जाएंगे।
आर्या के निखिल ठाकुर ने बताया कि गांव में इलाज नहीं मिल पा रहा है इसी तरह इलाज के नाम पर भटक कर गांव में लोग दम तोड़ रहे हैं लेकिन स्वस्थ विभाग की ओर से गांव में किसी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं । गांव में हर घर सर्दी,जुकाम,बुखार के मरीज है लेकिन गांव में टेस्टिंग नहीं होने की वजह से कोरोना अपना पांव और पसार रहा है आर्या निवासी सचिन ठाकुर ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र पर ना कोई सीएचओ ड्यूटी पर है ना ही कोई सुविधाएं स्वस्थ विभाग को प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र पर रोस्टर वार ड्यूटी तय कर गांव में टेस्टिंग बढ़ाना चाहिए एवं सर्दी जुकाम खांसी बुखार वाले मरीज का टेस्ट हो ऐसी कार्य नीति तैयार करना चाहिए जिससे संभव है कि गांव में हो रही मौत एवं बढ़ते मरीजों की संख्या में कमी आएगी शहरों के हालात सुधारने में गांव के हालात बद से बदतर हो रहे हैं कोई भी जिम्मेदार गांव में कोरोना रोकने के लिए अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है सिर्फ औपचारिकता कर रहे हैं ।
— स्वास्थ्य सुविधाएं सिर्फ शहरों तक सीमित
स्वास्थ्य सुविधाएं सिर्फ शहरों तक सीमित है इसका परिणाम देखने के लिए गांव के हालात इस बात के प्रमाण हैं ।लगातार कोरोना गांव गांव में अपना तांडव मचा रहा है और बड़ी संख्या में लोगों में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन गांव में कोई भी स्वास्थ्य सुविधाए नहीं है एवं इसी की वजह से लोग सर्दी,जुखाम,खांसी बुखार को हल्के में ले रहे हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हीं कारणों से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है लेकिन इन मौतों का आंकड़ा सरकारी आंकड़े से कोसों दूर है । गांव में कोरोना टेस्टिंग की सुविधाएं नहीं है स्वास्थ्य सुविधाएं दवाई,गोलियां डॉक्टर की सुविधाएं नहीं होने से मरीज लाचार बनकर आपने घरों में ही बंद है । इछावर ब्लाक के उप स्वास्थ्य केंद्र आर्या में ना कोई डॉक्टर है और ना ही पैरामेडिकल स्टाफ है। ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन सेंटर बनाया लेकिन सुविधाओं का लाभ मिलता कहीं भी नजर नहीं आ रहा है ।