पुलिस की कार्यप्रणाली भी बढा रही है अपराधियों के हौंसले
– कहे अनुसार रिपोट नहीं लिखने के लगाए आरोप
– पीडिता के साथ ही कर दी मारपीट
मध्यप्रदेश। एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफियाओं से प्रदेश की जमीन छोडकर जाने को कह रहे है, तो वहीं पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे चुके हैं पर पुलिस की कार्यप्रणाली सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेर देती है। प्रदेश में कुछ ऐसे मामले सामने आये है, जब फरियादियों को न्याय के लिए भटकना पड़ता है।
गौरतलब है कि प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इस मामले में आला अफसरों पर भी कार्रवाई की जा चुकी है तो दूसरी ओर शाजापुर में एक फरियादी को चांटा मारने का आरोप लगा है। इसके बाद अन्य मामलों में गरीब फरियादियों को न्याय के लिए जब एसपी और कलेक्टरों से िजला मुख्यालय पर आकर न्याय की गुहार लगाना पडती है। पीडित होने के बाद जिले के आला अफसरों तक भागदौड करना इससे पीडितों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड1ता है।
कहे अनुसार रिपोर्ट नहीं लिखने के आरोप
प्रदेश के सीहोर जिले के जावर थाने तहत पीडित परिवार के साथ आरोपियों ने मारपीट की और जब वह थाने रिपोर्ट लिखाने गए तो उनके कहे अनुसार थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गई। मामले में न्याय की मांग को लेकर पीडित परिवार पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और आवेदन देकर न्याय की मांग की है। उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफिया को 10 फीट नीचे गाडने की बात कर रहे है और उनके ही गह जिले में फरियादियों को न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक पहुंचना पड रहा है। यह मामला है जावर थाने के ग्राम बैजनाथ में बीते दिनों एक दलित परिवार पर कुछ लोगों ने प्राणघातक हमला कर उन्हें चोटे पहुंचाई। इसमें एक व्यक्ति का पैर तक टूट गया है। उसे प्लास्टर चढा हुआ है, वहीं पीडित परिवार का आरोप है कि आरोपियों में कुछ लोग देवास जिले के ग्राम पीपलरावां से भी आए थे, जो हमले में शामिल थे पर उनके विरूद्ध भी पीडितों ने रिपोर्ट लिखाई थी पर उसमें से कुछ लोगों के नाम हटा दिये गए है, जबकि पीडितों का कहना है कि उन्हें आरोपियों द्वारा धमकियां दी जा रही है। पुलिस अधीक्षक से पीडितों ने न्याय की गुहार लगाई है।
न्याय पाने थाने का घेराव की चेतावनी
इसके साथ ही जिले से एक और मामला सामने आया है। इसमें दोराहा थाने के तहत के ग्राम अमरोद से एक नाबालिग बीते दिनों से अपने घर से गायब है। परिजनों ने एक युवक पर शंका भी जाहिर की है। पुलिस की कार्रवाई पर परिजनों ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। पीडित परिवार कलेक्टेट कार्यालय पहुंचा, जहां न्याय के लिए आवेदन देकर मांग की गई। वहीं आवेदन में उल्लेखित किया गया है कि यदि पुलिस द्वारा मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वह थाने का घेराव करने के लिए विवश होंगे।
पुलिस ने पीडिता में ही जड दिये तमाचे
प्रदेश में भी पुलिस की कार्य प्रणाली पर कई सवाल खडे हो रहे है। एक और मामला सामने आया है। इसमें पुलिस पर पीडिता ने मारपीट के आरोप लगाए है। इसकी शिकायत पीडित और परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर दर्ज कराई है। अब इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। जानकारी अनुसार शाजापुर जिले के मोहन बड़ौदिया थाना पुलिस की अमानवीय कहानी सामने आई। ज्यादती की शिकायत दर्ज कराने बेटी के साथ थाने पहुंची मां के सामने ही पुलिस ने नाबालिग पीडिता को चांटा मारा। इतना ही नहीं आरोपियों को पकड़ने के बजाए उल्टा पीड़िता के माता.पिता के खिलाफ ही बयान दर्ज करा दिए। बेटी के साथ हुए अत्याचार की शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची मामले में मोण् बड़ौदिया थाना प्रभारी बोले. हमने नियमानुसार न्यायिक बयान कराए हैं। मामला मोहन बड़ौदिया थाना क्षेत्र के गांव गाडराखेड़ी का है। यहां की एक नाबालिग छात्रा को गांव के दबंग झोलाछाप डॉक्टर ने उसका अपहरण कर लिया थाय वहीं शाजापुर एसपी पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत के आधार पीड़िता ने अपने न्यायिक बयान भी दर्ज कराए गए। उसके बाद दोबारा फिर से न्यायाधीश के सामने बयान हुए है। कार्रवाई की जा रही है।