अंबेडकर’ की सुरक्षा में सरकार के छूटे पसीने, पहरे पर पुलिस
भोपाल। जिन्होंने सबको जीने का अधिकार दिलाया, ऊंच-नीच को एक कतार में खड़ा किया, सबके सम्मान का ख्याल रखा, आज उसी के सम्मान को पैरों तले रौंदा जा रहा है, कोई उनका दिल अजीज बनकर कुचल रहा तो कोई उनके नाम पर कुचल रहा है, कोई उनका गला काट रहा तो कोई हाथ। कोई हथौड़ा चला रहा तो कोई भगवा रंग चढ़ा रहा।
भले ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अब इस दुनिया में नहीं हैं, पर आज वो जहां भी होंगे, उनकी आत्मा रो रही होगी, उनके मन की व्यथा अथाह सागर में गोते लगा रही होगी और आज वो खुद को कोस रहे होंगे कि वो लड़े भी तो किसके लिए। अपनी ही दुनिया में उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जा रहा है और पुलिस प्रशासन को उन्हें बचाने के लिए दिन रात जूझना पड़ रहा है, यहां तक की आस्तीन के सांपों की नजर से बचाने के लिए उन्हें लोहे की दीवारों में कैद किया जा रहा है, उसके बाद भी बाहर पुलिस को पहरा देना पड़ रहा है।
प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती है, इस जयंती पर अलग-अलग स्थानों पर छोटे और बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई जगह पर 13 अप्रैल की रात से ही कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया जाता है। जो कार्यक्रम परंपरागत रूप से कई वर्षों से आयोजित किए जाते रहे हैं, ऐसे कार्यक्रमों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये जाएंगे।
वहीं उन्होंने आग्रह करते हुए कहां कि चाहे 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती हो या 18 अप्रैल को परशुराम जयंती। सभी जयंतियों पर आपसी प्रेम और सद्भाव के साथ उत्सव और त्योहार मनाया जाना चाहिए, महापुरुषों की जयंती मनाते समय आपसी भाई चारा कायम रखें। मध्यप्रदेश का शांतिपूर्ण इतिहास रहा है। किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार सभी त्योहारों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का इंतजाम करेगी, इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है और कार्ययोजना भी बनकर तैयार की जा चुकी है।