नारी सम्मान में किशोर एवं युवा वर्ग की भूमिका विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा सम्पन्न
-प्रतिभागियों की जिज्ञासायों पर पैनलिस्ट्स ने दिया मार्गदर्शन
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]जोरावर सिंह[/mkd_highlight]
भोपाल. सम्मान अभियान की श्रख्ंला में शनिवार को पुलिस मुख्यालय द्वारा कौन है असली हीरो? नारी सम्मान में युवा और किशोर वर्ग की भूमिका विषय पर परिचर्चा सम्पन्न हुई। पैनलिस्ट्स न्यायमूर्ति राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि लोग कानून का पालन करें यह पारिवारिक, सामाजिक वातावरण पर अत्यधिक निर्भर करता है। बच्चों की शिक्षा तथा मूल संस्कृति का ज्ञान और इसको आचरण में लाना अत्यावश्यक है। प्राथमिक शिक्षा में इनको सम्मिलित किया जाना आवश्यक है। बच्चों को अन्याय का प्रतिरोध करना भी सिखाएं। सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री गिरिबाला सिंह ने कहा कि व्यक्तियों का व्यवहार उनके दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। समाज के समग्र उत्थान के लिये महिलाओं का सम्मान अनिवार्य है। एडीजी श्री अन्वेष मंगलम् ने कहा कि जागरूकता के लिये मनोवृत्ति में बदलाव आवश्यक है। असली हीरो वह है जो कानून के पक्ष में उसके पालन में तत्पर है। सम्मान कार्यक्रम इसी दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत दुबे ने कहा कि बाल विवाह भी हिंसा ही है। महिला हिंसा के लिए पुरूष भी जवाबदार है। माइण्ड सेट बदलने की आवश्यकता है। हमें महिलाओं को समानता और सम्मान की दृष्टि से देखना होगा। गालियों और अपशब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए। संस्कारों को आचरण में उतारने का पूरा प्रयास करें।
प्रतिभागी युवाओं, किशोरों में धर्मेन्द्र गुर्जर , सायमाखान झाबूआ, वैष्णवी झा ग्वालियर, प्रफुल्ल मांझी डिंडोरी, संदीप गौर हरदा तथा सुश्री अंजनी नायक देवास ने अपने अनुभव साझा करते हुए जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने शुभारंभ उद्बोधन में कहा कि किशोर और युवाओं से इस विषय पर बात होना जरूरी है। इस परिचर्चा से सभी को अपनी भूमिका समझ कर आगे सार्थक कार्य करना है। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जय श्री कियावत ने नारी सम्मान में स्कूल शिक्षा विभाग की भूमिका बताते हुए कहा कि विभाग का जीवन कौशल कार्यक्रम, उमंग हेल्प लाइन आदि के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। हम सब संकल्प लें तो समाज में महिलाओं का खोया सम्मान पुन: प्राप्त किया जा सकता है। परिचर्चा से समन्वयक का दायित्व यूनीसेफ के डॉ. नीलेश देशपाण्डे तथा डीआईजी रूचिवर्धन ने निर्वहित किया। कुमारी महती दीक्षित ने काव्य पाठ किया तथा आभार प्रदर्शन सहायक पुलिस महानिरीक्षक शालिनी दीक्षित ने किया।