Madhy Pradesh

अब डिजिटल पुलिस वेरिफिकेशन पर बनेंगे नए पासपोर्ट

भोपाल और इंदौर में पासपोर्ट बनवाने की व्यवस्था जल्द ही बदलेगी। अब नए पासपोर्ट डिजिटल पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट पर ही बनेंगे। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने प्रयोग के तौर 310 एंड्रॉयड टेबलेट्स खरीद लिए हैं। इसमें एम-पासपोर्ट एप अपलोड रहेगा। इसके जरिए ही पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट बनेगी। दोनों जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था इसी महीने लागू की जा रही है।

विदेश मंत्रालय में यह व्यवस्था काफी समय से लंबित थी। विदेश मंत्रालय ने ही यह एप बनवाया है। इसके जरिए पासपोर्ट बनाने की व्यवस्था भोपाल-इंदौर जिले से शुरू हो रही है। इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे शुरू किया जाएगा। अगले हफ्ते नई व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देने का प्रोग्राम बना लिया गया है।

तुरंत आएगी पुलिस रिपोर्ट

पुलिस मुख्यालय ने दोनों जिलों के सभी थानों के लिए टेबलेट खरीद लिए हैं। आवेदक को अब पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट (पीवीआर) का ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ‘एम-पासपोर्ट एप” पर जैसे ही थाने का बीट प्रभारी पासपोर्ट आवेदक की जानकारी अपलोड करेगा, तुरंत ही रिपोर्ट एसपी कार्यालय में पहुंच जाएगी। इसके बाद यह रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय भेज दी जाएगी। सभी टेबलेट्स को जीपीआरएस से भी लिंक किया गया है।

पुलिसकर्मी का पूरा मूवमेंट उसमें दर्ज रहेगा। वह आवेदक के घर तक गया कि नहीं, यह भी उसमें रिकॉर्ड रहेगा। इसके अलावा रिपोर्ट से किसी तरह की छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकेगी। नई व्यवस्था में अब पासपोर्ट आवेदक भी अपनी पीवीआर का स्टेटस ऑनलाइन देख सकेगा।

पुलिसकर्मियों को देंगे ट्रेनिंग

विदेश मंत्रालय ने हाल ही में निर्देश भेजे हैं कि पीवीआर ऑनलाइन ही भेजी जाए। दोनों जिलों में पुलिस कर्मियों को ‘एम पासपोर्ट एप” की ट्रेनिंग देने के लिए 12 एवं 15 दिसंबर की तारीख तय की गई है। पहले इंदौर और उसके बाद भोपाल के पुलिसकर्मियों को विदेश मंत्रालय और टीसीएस के अधिकारी यह ट्रेनिंग देंगे। इस दौरान पुलिस विभाग अपने मास्टर ट्रेनर्स तैयार करेगा जो कि प्रदेश में अन्य जिलों के पुलिसकर्मियों को नई व्यवस्था की ट्रेनिंग देंगे।

पीएचक्यू को लिखा है: श्रीवास्तव

इस संबंध में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी नीलेश श्रीवास्तव कहते हंै कि आईजी कानून व्यवस्था को औपचारिक पत्र भेजा गया है। इसमें आग्रह किया गया है कि पीवीआर डिजिटल स्वरूप में भेजी जाए। इसमें विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

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