डॉ.बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू में राष्ट्रीय योग व्याख्यानमाला
मध्यप्रदेश । डॉ.बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू में राष्ट्रीय योग व्याख्यानमाला के अंतर्गत श्रीमद्भगवद्गीता के सिद्धांत वर्तमान कोरोना के परिप्रेक्ष्य में विषय पर एक राष्ट्रीय व्याख्यानमाला आयोजित हो रही है जिसके मुख्य आमंत्रित वक्ता भक्ति प्रसाद हृषिकेश गोस्वामी महाराज ऑनलाइन के माध्यम से प्रवचन दे रहे हैं, योग अध्ययन शाला अंतर्गत योग विज्ञान विभाग के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ अजय दुबे ने महाराजश्री का सर्वप्रथम सम्मान किया और उनसे आग्रह किया कि आपने प्रवचन को आगे प्रशस्त करें उसके बाद महाराज श्री ने अपने श्री मुख से, भगवान श्री कृष्ण की वाणी जो अर्जुन के सामने रखी गई उसका संदर्भ रखा महात्मा जी ने निश्चित रूप से कोरोना के संदर्भ में यह बताने का प्रयास किया के वर्तमान महामारी जैसी आपदा यह मानव कृत ही है अर्थात कहने का तात्पर्य था उनका कि हमारी विकसित तकनीक और विज्ञान ने यहां हमें एक और संसार में ऊंचाई दी है वहीं दूसरी ओर हमने कुछ प्राकृतिक नियमों का भी उल्लंघन किया है या प्राकृतिक नियमों का को तोड़ा है अर्थात हमें प्रकृिित के साथ तादात्म्य बनाकर ही अपना जीवन यापन को करना चाहिए इसी प्रकार महाभारत के में अर्जुन अपने कर्तव्यों से हटकर मोह बश ममता वश कर्म को छोड़कर वनवास की बात कर रहा है आज वर्तमान में कोविड-19 के संदर्भ में भी यही बात है कि हर व्यक्ति को सुरक्षितऔर स्वस्थ रहते हुए सामाजिक कर्तव्यों को पूरा करते हुए इस बड़ी वैश्विक महामारी आपदा से निपटना होगा महात्मा जी ने यह भी कहा आज के वर्तमान प्रासंगिक माहौल में जहां मानवीयता के सारे मूल्य गिरते जा रहे हैं जहां एक और लोग मौत की गोद में समा रहे हैं वहीं दूसरी ओर संसार के कुछ तथाकथित लोगों उन लोगों से पैसा बनाने में लगे हुए हैं अर्थात दवाई के नाम पर नकली दवाएं और अनावश्यक खर्च और पैसे मांगे जा रहे हैं जहां एक जगह चिकित्सा का अभाव है वहीं दूसरी ओर मानवी मूल्य गिरते जा रहे हैं भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को धर्म का स्थापना करना है बताया कि वास्तव में सर्वोपरि है ।
जीवन का उद्देश्य आहार निद्रा भय संतान उत्पत्ति और केवल परिवार तक सीमित रहना ही नहीं है बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों कल्याण करते हुए जीवन के मुख्य उद्देश्य जो सनातन संस्कृति का आधार है मोक्ष को प्राप्त करना है बतलाया महाराज जी के सत्संग निरंतर इसी सिद्धांत पर चल रहा है इस कार्यक्रम का प्रारंभ 27 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन पर किया गया था कार्यक्रम कुलपति प्रो.आशा शुक्ला की अध्यक्षता में चल रहा है स्वामी जी का सत्संग 2 मई तक चलेगा इस कार्यक्रम में निश्चित रूप से जीवन के मूल्यों की स्थापना जैसे कर्तव्यों की बात की जा रही है विभागीय शिक्षकों्दवारा कार्यक्रम का समापन किया गया।