MP BY ELECTION : शिव से नहीं कोई रार, केवल सिंधिया समर्थकों पर वार
– दिग्गी को पर्दे के पीछे रख नाथ चल रहे चाल
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]दिलीप पाल [/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश । प्रदेश में चल रहे 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में एक बात स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है कि मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ भले ही चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा शासन की आलोचना कर रहे हों लेकिन हकीकत यह है कि कहीं न कहीं वह भी यह बात भली भांती जानते समझते हैं कि इन उपचुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा की ही सरकार रहेगी। क्योंकि भाजपा को बहूूमत प्राप्त करने के लिए मात्र 9 विधायकों की जरुरत है जबकि कांग्रेस को कम से कम 24 सीटें चाहिए जो कहीं से भी संभव नजर नहीं आता है।
लिहाजा इन वस्तु परिस्थिति के चलते उनका पूरा ध्यान ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक प्रत्याशियों को पराजित करने पर है। यदि इस उपचुनाव में सिंधिया के सबसे खास मानें जाने वाले मंत्री प्रत्याशी तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न तोमर, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी और डॉ. प्रभूराम चौधरी में तीन भी चुनाव हार जाते हैं तो यह सिंधिया को करारी शिकस्त होगी। क्योंकि यह जगजाहिर है कि मप्र में काग्रेंस की सरकार पूरे सुनियोजित ढंग से षडय़ंत्र रचकर गिराई गई थी। यह अलग बात है कि कमलनाथ सरकार में सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच पटरी नहीं बैठ पाई थी और सिंधिया को पार्टी छोडऩे जैसा बड़ा कदम उठाना पड़ा और एक बड़ी रार इनके बीच में पड़ गई।
अब हिसाब बराबर करने की बारी –
सिंधिया के इस कदम से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार तो गिर गई लेकिन अब सिंधिया से हिसाब बराबर करने का प्रण कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कर लिया है। इसके लिए इन विधानसभा की 28 सीटों में सबसे ज्यादा जोर कांग्रेस सिंधिया समर्थक प्रत्याशियों पर लगा रही है। हालांकि कौन जीतेगा और कौन हार का मुंह देखेगा यह तो चुनाव परिणाम बाद पता चलेगा लेकिन यह जरुर है कि सिंधिया भी इस उपचुनाव में खासे परेशान चल रहे हैं, क्योंकि उपचुनाव में सिंधिया समर्थकों की जीत ही सिंधिया को भाजपा में कद दिलाएगी।