MP BY ELECTION : साढ़े तीन लाख मतदाताओं को कैसे रिझाएंगे शिवराज, कमलनाथ और सिंधिया
मध्यप्रदेश। प्रदेश में उपचुनाव की सियासी बिछात बिछना शुरू हो गई है। दोनों ही प्रमुख दल अपने अपने तरीके से मतदाताओं के बीच पहुंचने लगे हैं। आम सभाओं का दौर शुरू हो गया है, लेकिन उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस से भाजपा के रथ पर सवार कददावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर अब साढ़े तीन लाख एेसे मतदाताओं को रिझाने की जिम्मेदारी होगी, जिन्होंने 2018 के आम चुनावों में निर्दलीय और स्थानीय दलों पर भरोसा जताया था।
दरअसल प्रदेश में कांग्रेस के कददावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था, इसके बाद सत्ता परिवर्तन हो गया। खाली हुई विधान सभा सीटों पर उपचुनाव होने है, यह उपचुनाव तय करेगा, प्रदेश की कमान किसके हाथ में रहेगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। मतदाताओं को रिझाने के लिए दांव पेंच शुरू हो गए हैं। साल 2018 के विधान सभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों एवं निर्दलीय प्रत्यािशयों ने किस्मत आजमाई थी, जिन्हें 3 लाख 58 हजार 259 वोट हासिल हुए थे। जबकि इन मतों में बहुजन समाज पार्टी को मिले मत शामिल नहीं है।
-जमीन तलाशने उतरने वाले दल
मध्यप्रदेश में 2018 के विधान सभा चुनावों में जिन 28 सीटों पर उप चुनाव होने हैं वहां जीजीपी, आप, सापेक्ष पार्टी, सपा, आरजेपी, क्रान्ति जनतांत्रिक, आर आर एसएम, प्रसपा, बीएएसडी, बीएससीपी, एसजेवीपी, आरएलएसपी, बीएमपी,जेएपी, समानता दल, सीपीआईएम, भारतीय अपना अिधकार पार्टी, जयलोक पार्टी, बीजेवायपी नोटा सहित कई अन्य निर्दलीय उम्मीदवार थे, जिन्होंने विधान सभा चुनावों में हिस्सेदारी की थी। इसके साथ निर्दलीय उम्मीदवारों ने दमखम दिखाई थी।
-निर्दलीय एवं क्षेत्रीय दलों की ताकत
जिन 28 विधान सभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें डबरा- 10195 मत, भांडेर- 7313 मत, मेंहगांव 57224 मत, गोहद 10472 मत, ग्वालियर- 6533 मत, ग्वालियर पूर्व-11087 मत, दिमनी- 6196,करैरा-19585, पोहरी- 12580 मत, सुमावली 9363 मत, आगर- 6315 मत, मुंगावली- 14908 मत, अंबाह-4628, बमोरी-1793 मत, अशोकनगर- 5134 मत, जौरा-27922 मत, बदनावर-35398 मत, हाटपीपलिया-24 60 मत, सांवेर-6577 मत, सुवसरा-8623 मत, मांधाता-7117 मत, नेपानगर-10457 मत, सुरखी-5308 मत, बड़ा मल्ाहरा-14308 मत, अनूपपुर-9046 मत, सांची 7025 मत, व्यावरा-18857 मतों के साथ निर्दलीय और स्थानीय दलों ने अपनी उपस्िथति दर्ज कराई थी।
-358 उम्मीदवार उतरे थे मैदान में
2018 के विधान सभा चुनावों में मेंहगांव विधान सभा सीट पर सबसे अिधक उम्मीदवार मैदान में थे, 28 विधान सभा सीटों पर 358 उम्मीदवार मैदान रहे थे, जिनमें क्षेत्रीय दल और स्वतंत्र उम्मीदवार थे, अब उप चुनाव में यदि क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या कम होती है तो, जो वोट इन उम्मीदवारों को मिले थे, उन मतदाताओं ने भाजपा कांग्रेस पर अपना भरोसा नहीं जताया था।
-कर सकते हैं उलटफेर
करीब साढ़े तीन लाख से अिधक मतदाताओं को अपने पाले में करने की जिम्मेदारी भाजपा और कांग्रेस पर होगी, यदि उनकी पसंद का क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरता है, और जो विधान सभा के आम चुनावों में नोटा की बटन दबा चुके हैं। यह मतदाता भी इन 28 विधान सभा सीटों के जीत हार में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं, अब इन मतदाताओं की पसंद कौन बनेगा यह तो उपचुनाव के परिणाम ही बतायेंगे।
-राह आसान नहीं होगी
प्रदेश में भाजपा कांग्रेस के बाद बसपा प्रमुख दल है जो विधान सभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती आई है, लेकिन 2018 के विधान सभा चुनावों में वह महज दो विधायक ही जिता पाई। ऐसे मेंं उपचुनावों में 8 उम्मीदवार मैदान में उतार चुकी है, ग्वालियर चंबल क्षेत्र में बसपा के अलावा अन्य क्षेत्रीय दल भी करीब तीन सीटों पर 10 हजार से अिधक मत हासिल कर चुके हैं, यदि बसपा को अपनी जलवा बरकरार रखना है तो अन्य क्षेत्रीय दल जो अभी जमीन तलाश रहे है उनसे आगे निकलने के लिए ताकत लगाना होगी।