पुलिस के खुफिया तंत्र पर भारी पड रहे शराब के अवैध कारोबारी
– मुरैना और उज्जैन की घटनाओं ने खोल दी है पोल
मध्यप्रदेश। प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार गांव गांव तक फैल चुका है। अवैध शराब बेचने के अलावा बनाने के मामले सामने आ चुके है, अब तक जहरीली शराब पीने से प्रदेश के मुरैना और उज्जैन की घटनाओं में ही करीब 45 लोग अपनी जान गंवा चुके है। अब जहरीली शराब से िजन परिवारों ने अपने सदस्यों को खोया हैए उनके परिवार कैसे पलेंगे, उनके सामने यह सवाल भी खडा हुआ है।
गौर तलब है कि बीते महीनों उज्जैन में कुछ लोगों ने जहरीली शराब का सेवन कर लिया था। उनकी तबियत खराब हुई तो उन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इस घटना में करीब 14 लोगों की जान अवैध शराब पीने से चली गई। इस घटना के बाद से इस घटना के बाद प्रदेश में जहरीली शराब चर्चा में आई। सरकार की तरफ से कुछ कार्रवाईयां हुई। एक बार फिर मुरैना के मानपुरा में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलिसला शुरू हुआ तो 28 लोग अभी तक जान गंवा चुके है।
कितने मजे में थे कारोबारी
मुरैना में अवैध जहरीली शराब का निर्माण बडे पैमाने पर किया जा रहा था, वहां शराब माफया की पहुंच में गांवों में कितनी मजबूत थी इसका अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है अब कहीं कुओं में तो खेतों में पुलिस को अवैध शराब के जखीरे मिल रहे है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक को यह अपील करना पड रही है कि किसी भी व्यक्ति के पास अवैध शराब रखी हो तो वह थाने में जमा करादे उस पर कार्रवाई नहीं होगी।
नाकाम रहा पुलिस का खुफया तंत्र
प्रदेश में अवैध और जहरीली शराब का बडे पैमाने पर कारोबार हो रहा है और इसमे शराब का सेवन करने वालों की जान भी जा रही है। मुरैना में जिस तरह से शराब गांव गांव में मिल रही है उससे यह बात तो आसानी समझी जा सकती है। पूरे मुरैना के लोगों को इसकी जानकारी होगी। प्रदेश में किसी भी तरह के अवैध कारोबार की जानकारी जुटाने के लिए पुलस का भी खुफया तंत्र रहता है, अब बडा सवाल यह है कि जहां आम लोगों को अवैध शराब इतनी आसानी से मिल रही है और इसकी भनक तक खुफया तंत्र को नहीं लगी।
अब कैसे पलेंगे परिवार
प्रदेश में जहरीली शराब पीने से अभी तक जो मौतें हुई है। उसमें अधिकांशतः युवा और अधेड व्यक्ति है, मजदूर है, कोई खदान में काम करता था। यानी कि उस पर परिवार की जिम्मेदारी थी। मजदूरी कर परिवार को पालने वाली की अब मौत हो चुकी है। अब वह परिवार संकट में आ गया है। उनके सामने एक बडा सवाल खडा है उनके परिवार अब कैसे पलेंगे। वहीं प्रदेश के गांव गांव तक फैला अवैध शराब का कारोबार पर सरकार कितनी रोक लगा पाएगी यह तो वक्त बताएगा।