महू एएमयू से निकले शूटर्स ने 25 साल में जीते पांच हजार मेडल
आदित्य सिंह, महू। महू का मार्क्समैनशिप यूनिट ऐसा इकलौता सैन्य संस्थान है जहां सेना जंग के लिए नहीं बल्कि मेडल जीतने के लिए निशानेबाज तराशती है। यहां से निकले खिलाड़ियों ने 25 साल में पांच हजार राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं। अब सेना ने यहां एक स्पोर्ट्स साइंस सेंटर भी शुरू किया है, जहां निशानेबाजों को मनोवैज्ञानिक तौर पर भी तैयार किया जाएगा।
राज्यवर्धन सिंह, जीतू राय, गुरप्रीत सिंह, विजय कुमार, सीके चौधरी ये कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने देश को गर्व के कई लम्हें दिए। ये सभी महू की आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट से ही ट्रेनिंग कर आगे बढ़े हैं। शूटिंग जैसे दिमागी खेल में शूटर्स को पूरी तरह तैयार करने के लिए सेना ने एक डॉक्टर, एक मनोवैज्ञानिक, फिजियोथैरेपिस्ट भी रखे हैं। ट्रेनिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध मेंटर्स भी बुलाए जा रहे हैं, जो योग से लेकर खान-पान, खुश रहने जैसे टिप्स देते हैं।
दस करोड़ किए थे खर्च
पिछले कुछ वर्षों में यहां करीब दस करोड़ रुपए की लागत से शूटिंग रेंज बनाई गई और शूटिंग के नए उपकरण खरीदे गए। ट्रेनिंग के लिए निशानेबाजों को लगातार विदेश भी भेजा जा रहा है। हाल ही के नीदरलैंड दौरे के बाद अब निशानेबाजों को जर्मनी भेजा जाएगा।
कॉमनवेल्थ के लिए कर रहे ट्रेनिंग
यूनिट में इस समय भी ट्रेनिंग जारी है। ओलिंपियन शूटर गुरप्रीत सिंह यहां ऑस्ट्रेलिया में होने वाले कॉमनवेल्थ की तैयारियां कर रहे हैं। हाल ही में जीतू राय ने विश्व कप में कांस्य पदक और ओमप्रकाश और मनु धाकड़ की जोड़ी ने मिक्स में स्वर्ण पदक जीता है। हम सेना से देश के लिए बेहतरीन शूटर्स को तलाशते हैं। यह गर्व की बात है। – कर्नल विवेक गुप्ता, सीओ, एएमयू