MP सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, पद्मावत पर सुनवाई आज
भोपाल। फिल्म पद्मावत की रिलीज के खिलाफ मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दोनों राज्यों की याचिका पर सुनवाई मंगलवार 23 जनवरी को होगी। फिल्म की रिलीज के खिलाफ करणी सेना ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उस पर भी मंगलवार को ही सुनवाई होगी।
सोमवार को इस याचिका को जब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया गया तो दोनों राज्यों ने मांग की कि इस फिल्म को रिलीज करने के फैसले पर तुरंत रोक लगाई जाए, क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था भंग हो सकती है। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि अगर कानून-व्यवस्था की समस्या आती है तो राज्य सरकार को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि फिल्म से शांति भंग होने की आशंका है। पहले ही इस संबंध में स्कूल और सिनेमाघर में हिंसा की दो घटनाएं हो चुकी हैं।
मध्यप्रदेश ने पक्ष रखा कि राज्यों को कानून के तहत ये अधिकार है कि वो ऐसे हालात में फिल्म पर बैन लगा सकता है। इससे पहले 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने वकील मनोहर लाल शर्मा की फिल्म प्रदर्शन पर रोक की याचिका पर ये कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया था कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट फैसला कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को फिल्म पद्मावत की देश भर में रिलीज को हरी झंडी दे दी थी। कोर्ट ने कुछ राज्यों द्वारा लगाई गई रोक को भी निरस्त कर दिया था।
दो घंटे तक जाम रहे हाईवे, परेशान होते रहे यात्री
श्रीराष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने हाईवे पर जाम लगाया। फिल्म के विरोध में प्रदेश भर में उग्र प्रदर्शन हुआ। अधिकांश जगह पुलिस की मौजूदगी में चक्काजाम और प्रदर्शन हुए। कुछ जगह पुलिस से झूमाझटकी भी हुई। सैकड़ों उपद्रवियों की गिरफ्तारी भी हुई।
रतलाम के जावरा में फोरलेन पर करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर भी चक्काजाम करने पहुंचे। पद्मावती फिल्म की रिलीज में हुए इस प्रदर्शन को परशुराम सेना और शिवसेना सहित कई हिंदूवादी संगठनों ने भी समर्थन दिया। जाम के कारण जगह-जगह लंबे जाम लगे। जनता परेशान होती रही। इंदौर, देवास, झाबुआ, धार आदि जिलों में करणी सेना ने उग्र प्रदर्शन व नारेबाजी की। टायरों में आग लगा दी और नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने सिनेमा हॉल व मल्टीप्लेक्स मालिकों को 25 जनवरी को रिलीज हो रही पद्मावत दिखाने पर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
सुबह लालघाटी चौराहे पर क्षत्रिय समाज की कुछ महिलाओं ने चक्काजाम और प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया। करणी सेना के कार्यकर्ता नहीं पहुंचे। शाम को पैदल मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया। नीमच-इंदौर हाईवे पर चक्काजाम। रतलाम, मंदसौर और नीमच में फोरलेन पर असर। धरना दिया। उज्जैन-देवास रोड, इंदौर-कोटा रोड जाम किया। टायरों में आग लगाई। आगर रोड पर लंबा चक्काजाम। उज्जैन सहित शाजापुर और नागदा में भी हाईवे पर प्रदर्शन। ब्यावरा में जाम के कारण रोड के दोनों ओर करीब तीन-तीन किमी तक वाहनों की कतार लग गई। प्रदर्शनकारियों ने पुराने टायर में केरोसिन डालकर आग लगाई।