कोरोना के साथ अब कुपोषण पर भी चिंतित सरकार
मध्यप्रदेश। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने शहडोल में संभाग के विभिन्न जिलों में संचालित स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों, योजनाओं और कोविड नियंत्रण रोकथाम की कार्यवाही की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि आयुष्मान भारत के सभी परिवारों के कार्ड बनाये जायें। उन्होंने कहा कि संभाग के जिलों में सभी परिवारों के घर-घर जाकर एएनएम और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता बीमार और कुपोषित बच्चों का सर्वे करे आवश्यकतानुसार बच्चों को उपचार दिलवायें।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिलना चाहिए तथा स्वास्थ्य केन्द्रों से मरीज को स्वस्थ होकर घर जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर से बेहतर क्रियान्वयन के लिये स्वास्थ्य सेवाओं की सतत मॉनीटरिंग होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक स्वास्थ्य केन्द्रों पर समय पर मौजूद रहें। संभाग में चिकित्सकीय सुविधाओं को चुस्त-दुरूस्त कर मैदानी अमले को और अधिक सक्रिय करें तथा स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिये आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के लिये प्रस्ताव तैयार करें।
तो करें कार्रवाई
उदासीनता बरतने वाले मैदानी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही भी करें। उन्होंने बताया कि गर्भवती माताओं एवं बच्चों का शीघ्र पंजीयन कराना सुनिश्चित करें तथा मैदानी कार्यकर्ताओं को निर्देशित करें कि कमजोर गर्भवती माताओं और शिशुओं की पहचान कर समय पर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य संस्थाओं में भिजवाएं और उनके इलाज में किसी प्रकार का विलंब न हो। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण, मलेरिया तथा मौसमी बीमारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि, कुपोषण मिटाने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला स्वास्थ्य विभाग के साथ क्षेत्रों में जाए और अधिक सतर्कता तथा सजगता से कार्य करे।
605 बेडों की व्यवस्था
उन्होंने कलेक्टर्स से कहा कि जिले की गहन शिशु चिकित्सा इकाई एवं बाह्य गहन शिशु चिकित्सा इकाई को और अधिक क्रियाशील बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि गंभीर शिशुओं का इलाज वहीं हो सके। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से शिशुओं को रिफर नहीं किया जाए। एनआरसी में भर्ती बच्चों की चिकित्सालय से छुट्टी के बाद भी उनके स्वास्थ्य का अनुसरण क्षेत्र के मैदानी कार्यकर्ता द्वारा किया जाए। बैठक में डीन मेडिकल कॉलेज शहडोल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में 605 बेड के चिकित्सालय की व्यवस्था की गई है, जिसे शीघ्र ही प्रारंभ कराने की पहल की जा रही है।