मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये सख्त निर्देश, स्कूली परिवहन व्यवस्था सुधारी जाये
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूली परिवहन व्यवस्था सुधारने के लिये अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में परिवहन के लिए लगे वाहन निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप होना सुनिश्चित किया जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि 15 साल से अधिक पुरानी बसें स्कूलों में नहीं चलेंगी। साथ ही इन वाहनों की जांच के लिये ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर स्थापित किये जाएं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों के परिवहन के लिये उपयोग की जाने वाली बसों की अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष निर्धारित करने के निर्देश तत्काल जारी किये जाएं। ऑटोमैटिक फिटनेस सेन्टर स्थापित किये जाएं, जिनमें बस सीधे अंदर जायेगी और फिटनेस की जांच ऑटोमैटिक तरीके से होगी। स्कूली बसों की स्पीड भी अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। यदि ज्यादा गति पायी जाती है तो बस चालक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
बनेगा केंद्रीकृत डाटा सेंटर
मुख्यमंत्री ने स्टेट हेंगर में संबंधित अधिकारियों की आपात बैठक ली। बैठक में स्पीड गर्वनर और जीपीएस की क्वालिटी में सुधार के लिये एक केन्द्रीकृत डाटा सेन्टर बनाने का भी निर्णय लिया गया है। इस सेन्टर के माध्यम से बसों की लोकेशन और स्पीड का अनुमान लगाया जा सकेगा कि कौन सी बस ज्यादा तेज चल रही है। इससे बसों की स्पीड कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
पालकों की हो सहभागिता
सीएम ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस विभाग के अधिकारियों के माध्यम से भी नियमित रूप से शैक्षणिक संस्थानों में उपयोग होने वाले वाहनों के मापदण्डों के अनुरूप होने की जांच सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के परिवहन में उपयोग किये जाने वाले वाहनों को मापदण्डों के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिये पालकों की सहभागिता हेतु उनकी शैक्षणिक संस्था के स्तर पर समिति गठित की जाये।
हर स्तर पर बने समिति
बैठक में स्कूली वाहनों से संबंधित तमाम नियम तो बने ही साथ ही इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिये जिला स्तर पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तथा अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) की भी समिति गठित किये जाने की बात भी सीएम ने कही।
बैठक में सख्त रवैया अपनाते हुए सीएम ने इन नियमों का पालन न करने वाले विद्यालयों को राज्य से दी गई एनओसी निरस्त करने की बात भी कही। बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन मलय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल के साथ ही कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे।