निकाय चुनाव: अब मुस्लिम नेताओं ने भी ठोकी ताल
सीहोर। नगरीय निकाय चुनावों में सियासत अब गरमाने लगी है। प्रदेश के सीहोर में अब सभी निकायों के वार्डो का आरक्षण हो गया है।; सोमवार को शाहगंज निकाय में भी वार्डों का आरक्षण किया गया है। आरक्षण प्रक्रिया के बाद अब जिले में सियासत और गरमाने लगी है। अध्यक्ष पद से लेकर वार्डों में पार्षद पदों के लिए चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवार अपनी अपनी तैयारी में जुट गए है। इधर सीहोर जिले में मुस्लिम नेताओं ने भी ताल ठोंक दी है।
गौरतलब है कि नगरीय चुनावों में सीहोर में मुस्लिम समाज के नेताओं ने एक बैठक आयोजित कर कांग्रेस पार्टी से मांग की है उन्हें नगरीय निकाय चुनावों में उचित स्थान दिया जाए। अब वह मुस्लिम समाज को चुनावों में हराने और जिताने की भूमिका में नहीं रहने देंगे। शहर में मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित की गई बैठक के बाद सियासत और गरमा गई है। इस बैठक में आष्टा, इछावर, नसरूल्लागंज से भी मुस्लिम समाज के पदाधिकारी मौजूद थे। पिछले चुनाव में आष्टा नगर पालिका में मुस्लिम समाज के एक कददावर नेता ने निर्दलीय रूप से चुनाव लडा था।
अब ब्राम्हण समाज भी तैयारी में
शहर की सियासत के जानकार स़ूत्रों की माने तो शहर में ब्राम्हण समाज के मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को ब्राम्हण समाज का समर्थन रहता है। इस बार सीहोर में निकाय अध्यक्ष का पद सामान्य हो गया है। ऐसे में ब्राम्हण समाज भी अध्यक्ष पद के टिकट के लिए दावेदारी करता हुआ नजर आ रहा है।
हालांकि निकाय चुनावों में अभी सियासत की शुरूआती दौर है। भाजपा और कांग्रेस अध्यक्ष पद के टिकट के लिए कश्मकश तो शुरू हो गई है।