सीहोर में सूदखोरों का नाम सार्वजनिक करने से परहेज
मध्यप्रदेश। प्रदेश में सूदखोरों ने सैकडों गरीबों को अपनी गिरफत में ले रखा है। इसमें सीहोर जिले में सूदखोरी वर्षों से चरम पर रही है। सूदखोरों के चुंगल फंसे हुए लोगों ने एवं किसानों ने आत्महत्याएं तक की है। जिले में दर्जनों किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के बाद उनके परिजनों ने कर्ज के बोझ तले दबे होने की बात कही है, सूदखोरों के चुंगल में फंसे होने की बात भी स्वीकारी है पर कारण कुछ भी रहे हों पर प्रभावी कार्रवाई के अभाव में सूदखोरों के हौंसले जिले में हमेशा से ही बुलंद रहे है। इधर पुलिस द्वारा इन पर कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन इन सुदखोरों के नाम जारी करने से परहेज किया जा रहा है। यदि नाम सार्वजनिक होते हैं तो अन्य लोग इनके चुंगल में आने से बच सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि सूदखोरों के मामलों में बीते वर्षों में प्रशासन कुछ कदम तो उठाए पर नाकाफी रहे। कुछ सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई हुई और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, फिर सूदखोर अपनी सूदखोरी में मस्त हो गए पर इस बार प्रशासन ने सूदखोरों पर लगाम लगाने के लिए फिर से पहल की है अब यह पहल किस मुकाम तक पहुंचेगी या पिफर ठंडे बस्ते में चली जाएगी यह तो वक्त ही बताएगा।
नाम रखा जाएगा गुप्त
सीहोर एसडीएम आदित्य जैन ने सार्वजनिक सूचना चस्पा की है कि यदि किसी सूदखोर ने चैक रख लिए है या अन्य कीमती सामान रख लियाए ब्याज की वसूली के नाम पर मारपीट की जा रही या पिफर मारपीट की धमकी दी जा रही है तो ऐसे पीडित व्यक्ति एसडीएम कार्यालय जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। यदि पीडित व्यक्ति अपना नाम भी सार्वजनिक नहीं करना चाहता है तो उनका नाम भी गुप्त रखा जाएगा और सूदखोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। जिले में अभी चार से पांच सूदखोरों के खिलापफ कार्रवाई की जा चुकी हैय वहीं दर्जनों सूदखोरों के नाम चिन्हत किये गए है।
प्रशासन सार्वजनिक करे नाम तो चेतेंगे
उल्लेखनीय है कि सीहोर जिले में सूदखोरी अपने चरम पर है। सूदखोरों की चुंगल में कई लोग फंसे हुए है। एक दिन पहले ही शहर के बग्गी खाने में एक सूदखोर पर प्रशासन ने कार्रवाई की वह एक लाख बीस हजार के 10 हजार रूपए प्रतिमाह ब्याज तो वसूल ही रहा था इसके बाद भी पांच लाख की मांग कर रहा था प्रशासन द्वारा कार्रवाई के साथ सूदखोरों के नामों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इस कारण से आमलोग भी सूदखोरों को पहचान ही नहीं सकें उनकी करतूतों से भी बाकिफ हो सकेय ताकि ऐसे सूदखोरों के चुंगल से वह बच सकें।