Madhy Pradesh

छात्रों के बाद अब मजदूरों को वापस लाने में जुटी है मप्र सरकार

 

— राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी

 

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कीर्ति राणा [/mkd_highlight]

 

 

मध्यप्रदेश। कोटा में एजुकेशन के लिए गए प्रदेश के सैकड़ों छात्रों को वापस लाने के बाद कोरोना कहर के बाद से मध्य प्रदेश के उन हजारों मजदूर परिवारों को वापस लाने के लिए भी सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।इसके लिए वरिष्ठ आयएएस आईसीपी केसरी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है।
इस उच्च स्तरीय समिति में कोरोना के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे आइएएस संजय दुबे, आईएएस मलय श्रीवास्तव, परिवहन आयुक्त वी मधु कुमार आदि शामिल हैं।

कोटा में फंसे छात्रों में इंदौर के छात्रों के लिए सांसद शंकर लालवानी ने पहल की थी।प्रदेश के ऐसे सभी छात्रों को वापस लाने के लिए तब परिवहन विभाग ने 150 बसें उपलब्ध कराई थी।सोशल डिस्टेंटिंग के पालन के तहत इन 50 सीटर बसों में अधिकतम 25 छात्रों को बैठाया गया था। छात्रों को इन बसों से उनके घर तक छोड़ा गया था।
राज्य सरकार ने अब राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि राज्यों में फंसे प्रदेश के दिहाड़ी मजदूरों को उनके गृह ग्राम तक पहुंचाने का काम बिना किसी प्रचार-प्रसार के शुरु किया है।

इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सीएस आदि से सीएम और उक्त समिति प्रमुख ने चर्चा कर पूरी प्लानिंग तैयार की है। इसके तहत सीमा वाले शहरों में सरकार ने कैंप लगाए हैं जहां उक्त राज्यों से प्राप्त सूची वाले मजदूरों का हेल्थ चेकअप करने के बाद रवानगी की प्रक्रिया शुरु की जाती है।

–200 से अधिक बसें लगाईं

परिवहन आयुक्त वी मधु कुमार ने बताया इन राज्यों से मजदूर परिवारों को लाने के लिए बनाए रूट प्लान के लिए 200 से अधिक बसें लगाई गई हैं। गुजरात की सीमा से लगी पिटोल, राजस्थान सीमा वाले नयागांव, आगर मालवा, हरियाणा, पंजाब की सीमा वाले शहरों की परिवहन चौकियों पर से बसें लगाई गई हैं।संबंधित जिलों के कलेक्टरों के जिम्मे खाने-आवास की, एसपी के जिम्मे सुरक्षा इंतजाम की जिम्मेदारी है,बसें जुटानें में क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टरों से आरटीओ सहयोग ले रहे हैं।गुजरात से 3 हजार, जैसलमेर राज से 2500 मजदूरों की सूची प्राप्त हुई है।एक बस में 20-25 मजदूरों को ला रहे हैं।मप्र सीमा के एंट्री पॉइंट पर हेल्थ कैंप में पहले चेकअप किया जाता है।उसके बाद इन्हें लेकर बसें रवाना होती हैं।

–कोरोना से पहले टारगेट पूरा

परिवहन विभाग इस बार वार्षिक टारगेट पूरा करने के तनाव से मुक्त होकर काम कर रहा है। परिवहन आयुक्त वी मधु कुमार के मुताबिक इस वर्ष मार्च से पहले ही 3275 करोड़ की वसूली कर ली गई थी जो कि निर्धारिट टारगेट से 275 करोड़ अधिक हुई।

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