मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया 13 दिवसीय आदि महोत्सव भोपाल का शुभारंभ
भोपाल मेला न्यूज़ : संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल हाट में 13 दिवसीय आदि महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहकारिता राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने की। इस कार्यक्रम में देश भर के आदिवासी शिल्पियों द्वारा विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी, बिक्री की व्यवस्था की गई है।
जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भोपाल हाट में एक लघु भारत का निर्माण देखने को मिला। अलग-अलग प्रदेशों की संस्कृतियों को एक ही स्थान पर देखना विलक्षण अनुभव है। इसके साथ ही यहां विशिष्ट भारतीय संस्कृति और भाषाई एकता भी देखने को मिली है। जनसम्पर्क मंत्री ने कहा कि आदि महोत्सव जैसे कार्यक्रम शिल्पियों के आर्थिक उन्नयन में भी मददगार हैं।
‘परम्पराओं को सहेजने का महत्वपूर्ण कार्य’
सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि आदिवासी शिल्पी आदि महोत्सव के माध्यम से स्वावलम्बन प्राप्त करने के साथ ही परम्पराओं को सहेजने का महत्वपूर्ण कार्य भी कर रहे हैं। ट्राइफेड, नई दिल्ली के एमडी प्रवीर कृष्ण ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर ट्राइफेड के संचालक मंडल के सदस्य यशवंत सिंह दरबार और क्षेत्रीय प्रबंधक जे.एस. शेखावत उपस्थित थे।
‘उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की व्यवस्था’
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आदि महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि आदिवासी शिल्प की वस्तुओं को खरीदकर हुनरमंद कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाए। भारत सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड के इस कार्यक्रम में देश भर के आदिवासी शिल्पियों द्वारा विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की व्यवस्था की गई है।
25 राज्यों के 100 से अधिक कलाकार ले रहे भाग
महोत्सव में 100 से भी अधिक स्टॉलों के माध्यम से आदिवासी कलाकृतियों का प्रदर्शन और विक्रय किया गया है। महोत्सव में 25 राज्यों के 100 से अधिक आदिवासी कलाकार भाग ले रहे हैं। महोत्सव का विशेष आकर्षण प्रतिदिन होने वाला आदिवासी गीत-संगीत और नृत्य है। महोत्सव में जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु और गुजरात से लेकर नागालैंड तथा सिक्किम की आदिवासी कलाकृतियां एवं कपड़ों का प्रदर्शन-सह-बिक्री की जा रही है।
डिजिटल और ई-कॉमर्स को प्रोत्साहन
महोत्सव में आदिवासियों में डिजिटल और ई-कॉमर्स को प्रोत्साहित करने के लिये सभी स्टॉलों पर क्रेडिट एवं डेबिट-कार्ड के माध्यम से पेमेंट की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। आदिवासी कारीगरों को एसबीआई द्वारा विशेष ट्रेनिंग दी गई है। भारत की जनसंख्या में 8 प्रतिशत से अधिक आदिवासी हैं। भारत में 10 करोड़ से भी ज्यादा आदिवासी जनसंख्या है। आदिवासियों की अपनी एक अलग अनूठी, मौलिक संस्कृति और कला मूल्य हैं। इसमें इनकी अनोखी प्राकृतिक सादगी झलकती है।
व्यंजन, व्यवसाय की थीम पर आदि महोत्सव
इससे कोई भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। भारतीय आदिवासियों का हस्तशिल्प विश्व विख्यात है। इसमें सूती, ऊनी और सिल्क की हाथ से बुने हुए वस्त्र, लकड़ी, धातु एवं टेराकोटा की आकर्षक कला-कृतियां प्रमुख हैं। बदलते परिवेश में आदिवासी कला को आधुनिक समाज से जोड़ने, आदिवासी कला और संस्कृति से आधुनिक समाज को अवगत कराने के लिये आदिवासी संस्कृति, व्यंजन और व्यवसाय की थीम पर आदि महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।