Madhy Pradesh

कोरोना की आड़ में 51 हजार गरिबों का हक डकार गए अधिकारी

कोरोना में भी कर गए घोटाला
मध्यप्रदेश।  प्रदेश के इंदौर में  राशन दुकान संचालकों ने अफसरों से मिलीभगत कर 51 हजार गरीब परिवारों के हक का करीब ढाई लाख किलो से ज्यादा अनाज बांटा ही नहीं। यह राशन कोरोनाकाल में आया था।  अब इस मामले में राशन दुकानदार भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद दहीगुडे के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, निलंबित खाद्य अधिकारी आरसी मीणा सहित 31 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। कलेक्टर मनीष सिंह  को भरत दवे और प्रमोद दहीगुडे के साथ इनके परिचितों के बारे में शिकायतें मिली थीं। शासकीय उचित मूल्य दुकानों में या तो सामग्री दी ही नहीं जा रही या फिर कम वितरित हो रही है। इस पर 12 दुकानों को चिन्हित किया गया। 12 जनवरी को इन पर टीम ने दबिश देकर रिकार्ड एवं पीओएस मशीन जब्त कीं। उसी दिन टीम ने इन दुकानों में संग्रहित राशन सामग्री का भौतिक सत्यापन किया। जांच में अप्रैल 2020 से ही खाद्यान्न, शक्कर, नमक, दाल और केरोसिन की मात्रा कम या ज्यादा मिली। कई अनियमितताएं और भी पाई गईं। इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड भरत दवे पर्दे के पीछे रहकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों के नाम से राशन दुकानें संचालित कर सरकारी अनाज की हेराफेरी कर रहा था।

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