मप्र के वह 15 जिले जहां अधिक पनपा नशे का कारोबार
15 से 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान
धरे जाएंगे अब युवाओं को नशा बांटने वाले
मध्यप्रदेश। देश में अभी तक नशे के मामले में पंजाब ही चर्चा रहता था कि यहां के युवा नशे के दलदल में धंस रहे है, इसलिए पंजाब वालीवुड का भी ध्यान खींच चुका है और इसी राह पर मध्यप्रदेश है। इससे चिंतित प्रदेश सरकार ने अब इस पर लगाम कसने के लिए सीएम पहले ही आदेश दे चुके है, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरूआत मंगलवार यानी कि 15 दिसम्बर से होगी। इस अभियान में युवाओं नशा बांटने वालो के खिलापफ कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि देश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भारत सरकार द्वारा आगामी 15 दिसंबर से 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। इसके चलते प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के आला अफसरों को निर्देश दे चुके हैं कि प्रदेश में सघन अभियान चलाए जाए य और नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वालों को नेस्तनाबूद कर दिया जाए। अब यह देखना काबिले गौर रहेगा कि नशा का अवैध कारोबार करने वाले बडे चेहरे भी बेनकाब होकर जेल जाएंगे या फिर छुटभैयों पर कार्रवाई कर ही पीठ थपथपाई जाएगी।
प्रदेश में टाप पर यह पन्द्रह जिले
मध्य्रप्रदेश में नशे का कारोबार कापफी फल फूल रहा है। इस संबंध में भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सूची जारी की है इसमें प्रदेश के 15 वह जिले शामिल हैं जहां नशीली वस्तुओं का कारोबार अधिक पाया गया है। ये जिले हैं इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रतलाम, ग्वालियर, सतना, सागर, दतिया तथा रीवा। इसके अलावा प्रदेश के तीन और जिले जो नशे के दल दल में धंस रहे है, इसमें विदिशा, पिपरिया, आगर. मालवा शामिल हो गए है। कुल मिलाकर नशे के कारोबारियों ने प्रदेश के 18 जिलों को अपनी गिरफत में ले लिया है।
गांव गांव तक पहुंचा और शराब
प्रदेश में युवाओं में नशे की लत नशा का काला कारोबार करने वालों द्वारा लगाई जा रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में गांजा और शराब आसानी से उपलब्ध हो रहा है। गांवों में देशी विदेशी एवं कच्ची शराब की आसानी से उपलब्धता के कारण युवा इस नशे के दलदल में धंस रहे है। लोग नशे की लत के कारण से अपनी चल और अचल संपत्ति बेचने को विवश होते है तो वहीं वह सूदखोरों के चुंगल में भी फंस रहे है। इससे प्रदेश् में कई परिवार बरबाद हो चुके है, अब इस 8 दिन के अभाव में मध्यप्रदेश में युवाओं की रगो में नशा प्रवाहित करने वालों पर पुलिस और प्रशासन कितनी लगाएगा यह तो अभियान के बादी ही पता चल सकेगा।