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बिना सरनेम के लॉन्च होंगे जाह्नवी और ईशान

बॉलीवुड में दो और नए चेहरों का धमाकेदार प्रवेश होने जा रहा है। स्टार परिवार के जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर। करण जौहर ने स्टार किड्स को हिंदी फिल्म जगत में लॉन्च करने के अपने ट्रेडिशन को कायम तो रखा है लेकिन इस बार इन्हें अधूरा छोड़ने जा रहे हैं। सरनेम हटा कर ।

दरअसल हाल ही में करण ने अपनी अगली फिल्म ‘धड़क’ की घोषणा की जो अगले साल छह जुलाई को रिलीज़ होगी। इस फिल्म से श्रीदेवी और बोनी कपूर की बड़ी बेटी जाह्नवी कपूर और शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर (नीलिमा अज़ीम-राजेश खट्टर के बेटे) का बॉलीवुड में प्रवेश होगा। नागार्जुन मंजुले की मराठी फिल्म सैराट के इस हिंदी रीमेक की शूटिंग अगले महीने से होगी और हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और बद्रीनाथ की दुल्हनिया निर्देशक शशांक खेतान इस फिल्म का डायरेक्शन करेंगे। हाल ही में जब फिल्म के कई सारे पोस्टर लॉन्च किये गए थे तो आपने एक बात नोट की होगी। हर जगह प्रेज़ेन्टिंग जाह्नवी और ईशान लिखा गया। जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर नहीं। सूत्रों के मुताबिक करण जौहर ने तय किया कि बॉलीवुड डेब्यू के साथ दोनों का सिर्फ़ नाम जाए, उपनाम (सरनेम ) नहीं। दोनों बाद में चाहें या किसी और संदर्भ में , तो अपना सरनेम यूज़ कर सकते हैं।

फिल्म के क्रेडिट रोल में दोनों के सरनेम गायब रहेंगे। हालांकि इसकी अभी तक कोई ऑफिशियल कन्फर्मेशन नहीं है। बता दें कि ईशान ने अपने फिल्मी डेब्यू यानि ईरानी(तेहरान) फिल्म मेकर माजिद मज़ीदी की फिल्म बियॉन्ड द क्लॉउड में अपना पूरा नाम ईशान खट्टर ही दर्ज़ करवाया है। उनके हॉफ-ब्रदर शाहिद कपूर भी पूरा नाम इस्तेमाल करते हैं लेकिन जाह्नवी की मॉम श्रीदेवी फिल्मों में न तो पति का सरनेम कपूर का इस्तेमाल करती हैं और न ही शादी से पहले का अयप्पन ( पूरा नाम श्री अम्मा यंगर अयप्पन) सरनेम।

लेकिन बॉलीवुड में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। हैदराबाद की तबस्सुम फ़ातिमा हाशमी का नाम यदि आपको सुना हुआ न लग रहा हो तो तब्बू को याद कर लीजिये। देव आनंद की हम नौजवान से बड़े परदे पर आई इस लम्बे कद वाली हीरोइन ने फिल्मी परदे पर न सिर्फ अपने नाम को छोटा किया बल्कि अपना सरनेम भी हटा दिया।

राजनीति के मैदान से लेकर फिल्मी परदे एक बहुत कम लोग गोविंद अरुण आहुजा को जानते हैं लेकिन करीब 31 साल पहले फिल्म इल्ज़ाम से डेब्यू करने वाले गोविंदा को हर कोई जानता है। गोविंदा ने शुरू से ही अपना सरनेम हटाए रखा और गोविन्द से गोविंदा हो गए।

सरोज शिल्होत्री, चालीस और पचास के दशक में हिंदी और मराठी सिनेमा में शोभना समर्थ के नाम से फेमस हुईं। उन्होंने अपने पति कुमारसेन समर्थ का सरनेम तो इस्तेमाल किया लेकिन उनकी दोनों बेटियों तनुजा(पति शोमू मुखर्जी) और नूतन(पति रजनीश बहल) ने कभी पति का नहीं। तनुजा की बेटी काजोल ने भी वही परंपरा फिल्मों में जारी रखी है। काजोल ने शादी से पहले कभी मुखर्जी सरनेम को क्रेडिट रोल में नहीं लाया और अजय देवगन से शादी के बाद कभी देवगन सरनेम भी नहीं।

लेकिन सिर्फ 2015 से पहले तक। शाहरुख़ खान के साथ आई उनकी फिल्म दिलवाले में सबसे पहले काजोल ने देवगन सरनेम का इस्तेमाल किया।

अपने पिता जितेंद्र की तरह ही (जिनका असली नाम रवि कपूर है) उनके बेटे तुषार कपूर ने कभी सरनेम का इस्तेमाल नहीं किया। अपनी पहली फिल्म मुझे कुछ कहना है से अब तक तुषार (स्पेलिंग में डबल एस लगा कर) परदे पर बिना कपूर के ही हैं लेकिन उनकी बहन एकता कपूर लिखती हैं।

सरनेम को लेकर कुछ समय बड़ा बवाल भी हो चुका है। साल 2008 में प्रतीक बब्बर ने फिल्म जाने तू या जाने ना से बड़े परदे पर कदम रखा था। तब वो बब्बर सरनेम लिखते थे लेकिन कुछ समय के बाद राज बब्बर और स्मिता पाटिल के इस बेटे ने बब्बर को अलग कर प्रतीक को अकेला कर दिया। इस बात उनके पिता राज बब्बर और आर्य (ब्रदर फ्रॉम अदर मदर ) ने सार्वजानिक रूप से नाराजगी व्यक्त की थी। कुछ वर्ष पहले इरफ़ान खान ने भी अपने नाम से खान सरनेम हटाने की घोषणा की थी और बाकायदा अपनी पी आर टीम के जरिये एक बयान भी जारी किया था।

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