भोपाल की लडकी ने मुबंई के फैशन शो में दिखाए जलवे
मुबंई। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली रेतुजा पटेल ने मुबंई में हुए शो ऐयांना 2019 में एसे जलवे बिखरे कि हर कोई उनकी प्रतिभा का कायल हो गया। उनकी थीम लोगो को बेहद पंसद आई। रेतुजा पटेल भोपाल की रहने वाली है और यहां अपनी स्कूली पढाई पूरी करने के बाद मुबंई में रहकर फैशन डिजाईनिंग की पढाई कर रही है।
बकौल रेतुजा पटेल ‘शुरू से ही कपड़ों के बारे में मेरी बड़ी गहरी दिलचस्पी थी. क्लोथिंग के ज़रिये खुद को एक्सप्रेस करने की इच्छा थी. व्हिसलिंग वुड्स के बारे में मुझे ऑनलाइन पता चला, इस वजह से भी मैं इस इंस्टिट्यूट से कोर्स करना चाहती थी क्योंकि यह सुभाष घई का है, फिल्मो और बॉलीवुड में भी मेरी गहरी दिलचस्पी रही है, साथ ही फैशन डिजाइनिंग और सिनेमा का कनेक्शन भी गहरा है. इसलिए मैंने सुभाष जी के इंस्टिट्यूट से कोर्स करने का सोचा ताकि फिल्मो को लेकर भी एक्सपोज़र मिलेगा. अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं फिल्मो में फैशन डिजाइनिंग का काम करना चाहती हूँ. मैं आलिया भट्ट और सोनम कपूर के लिए डिजाईन करना पसंद करुँगी क्योंकि दोनों एक्ट्रेस को फैशन की बड़ी अच्छी समझ है.”
सब्यसाची मुखर्जी रेतुजा पटेल के फेवरिट फैशन डिज़ाइनर हैं. वह कहती हैं ”सब्यसाची हमेशा नया नया प्रयोग करते रहते हैं और उनका हार्ड वर्क हम जैसे नए लोगों के लिए बहुत इंस्पाइरिंग होता है. नीता लुल्ला भी मुझे पसंद हैं.”
रेतुजा का कहना है कि सुभाष जी का इंस्टिट्यूट दो महीने का इंटर्नशिप हमें प्रोवाइड करता है. फिलहाल तो मेरा फोकस फैशन डिजाइनिंग पर है लेकिन नृत्य का भी मुझे बहुत शौक है. मेरी दिलचस्पी वेस्टर्न क्लोथिंग में ही है. चूँकि भोपाल को सिटी ऑफ़ लेक भी बोला जाता है इसलिए मेरा कनेक्शन ‘पिंक लेक’ से रहा है. इस वजह से लेक मुझे काफी इंस्पायर करते रहे हैं. मुझे पिंक कलर काफी पसंद है इस रंग से मैं बहुत ज्यादा अटैच्ड हूँ. इसलिए मैंने पिंक और लेक के कॉम्बिनेशन के अनुसार कलेक्शन पेश किया. माँ को देख देख कर भी मेरे मन में फैशन डिजाइनिंग के प्रति रूचि जगी क्योंकि फैशन उन्हें भी पसंद रहा है. मम्मी को भी कपड़ों का बहुत शौक रहा है, इसलिए शुरू से उनको देख कर भी मुझे इंस्पिरेशन मिली.’
रेतुजा पटेल आगे बताती हैं ”सबको लगता है कि फैशन डिजाइनिंग बहुत आसान है, लेकिन मैं लोगों को बता दूँ कि यह बिलकुल आसान नहीं है बल्कि मुश्किल काम है. इसमें हार्ड वर्क भी बहुत है,मेरे माता -पिता ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया और जहां भी पहुंची सब उनकी वजह से।