वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा अंतिम चरण में, जल्द घोषणा संभव
नई दिल्ली अमेरिकी रिटेल दिग्गज वालमार्ट और भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के बीच 12 अरब डॉलर (करीब 780 अरब रुपये) का सौदा अंतिम चरण में पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों के भीतर इस सौदे की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनी में वालमार्ट 72-73 फीसद हिस्सेदारी खरीदने वाली है और सौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया के बाद दोनों कंपनियों के निदेशक बोर्ड से अनुमति ली जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना था कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट भी सौदे में वालमार्ट का साथ दे सकती है।
दूसरी तरफ, समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग का कहना है कि फ्लिपकार्ट ऑनलाइन सर्विसेज के निदेशक बोर्ड ने कंपनी की 75 फीसद हिस्सेदारी करीब 15 अरब डॉलर में वालमार्ट को बेचने संबंधी सौदे को अनुमोदन दे दिया है।
सौदे के तहत वालमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट की सिंगापुर-स्थित होल्डिंग फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिटेड के सभी बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी खरीदने की संभावना है। इनमें टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट व सॉफ्ट बैंक की 20-20 फीसद हिस्सेदारी समेत कई अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी शामिल है। गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिटेड ही फ्लिपकार्ट डॉट कॉम को चलाने वाली विभिन्न कंपनियों की बहुसंख्य हिस्सेदार है।
सौदे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ही फ्लिपकार्ट की होल्डिंग कंपनी ने छोटे निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर से ज्यादा मूल्य के 18 लाख से ज्यादा शेयर खरीद लिए। इस खरीदारी के बाद कंपनी की प्रकृति प्राइवेट लिमिटेड की हो गई है। इसके साथ ही जिस मूल्य पर कंपनी ने ये शेयर बायबैक किए, उस पर भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी का मूल्य 17.69 अरब डॉलर हो गया है। वहीं, जिस मूल्य पर जितने शेयर वालमार्ट द्वारा लिए जाने की खबरें हैं, उसके हिसाब से फ्लिपकार्ट की कीमत 20 अरब डॉलर तक लगाई गई है। वर्तमान में फ्लिपकार्ट में संस्थापक सचिन बंसल व बिन्नी बंसल की पांच-पांच फीसद हिस्सेदारी है। खबरें यह भी हैं कि सौदे के बाद सचिन बंसल फ्लिपकार्ट से नाता तोड़ सकते हैं।
फ्लिपकार्ट के वेंडर्स में आक्रोश
देश की अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का सौदा अमेरिकी रिटेल दिग्गज वालमार्ट के साथ अभी आधिकारिक रूप से हुआ नहीं है। लेकिन सौदा करीब-करीब हो जाने की खबरों को लेकर फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म के जरिये अपने उत्पाद बेच रहे करीब 3,500 वेंडर्स में असमंजस और आक्रोश है। वेंडर्स इस सौदे को लेकर कंपनी को अपना रुख स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं, ताकि वे सौदा होने की स्थिति में अपने कारोबार के भविष्य के बारे में ठोस योजना बना सकें। इस बारे में ऑल इंडिया ऑनलाइन वेंडर्स एसोसिएशन (एआइओवीए) के प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक फ्लिपकार्ट या अन्य संबंधित पक्षों की तरफ से हमसे कोई संपर्क नहीं साधा गया है।
इससे फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर हमारे भविष्य पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। प्रवक्ता ने यह भी आशंका जताई कि अगर वालमार्ट के हाथों कंपनी बिकती है, तो फ्लिपकार्ट पर अमेरिकी कंपनी के प्राइवेट लेबल (निजी ब्रांड उत्पाद) की भरमार होगी, और घरेलू वेंडर्स के कारोबार पर बेहद नकारात्मक असर पड़ेगा।