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4 लाख देना पड़ रहा ब्रिटेन का फ्लाइट किराया, Vistara, Air India भी वसूल रहे 2.5 लाख तक का फेयर

नई दिल्ली। कोरोना काल में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय रूट पर फ्लाइट टिकट के दाम आश्चर्यजनक रूप से बढ़े हैं। 26 अगस्त के लिए दिल्ली से लंदन तक ब्रिटिश एयरवेज का एक तरफ का किराया 3.95 लाख रुपये पहुंच गया है। ट्विटर पर आइएएस अधिकारी संजीव गुप्ता की शिकायत के बाद विमानन नियामक डायरेक्टरेट जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने कंपनियों से किराए की जानकारी मांगी है। गृह मंत्रालय के इंटर-स्टेट काउंसिल सेक्रेटरिएट के सचिव संजीव गुप्ता ने शनिवार को शिकायत करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश एयरवेज एक तरफ के लिए 3.95 लाख रुपये दिखा रहा है।

विस्तारा और एयर इंडिया भी 26 अगस्त के लिए 1.2 लाख से 2.3 लाख रुपये के बीच किराया वसूल रहे हैं। यह भारी भरकम किराया ऐसे समय में वसूला जा रहा है, जब ब्रिटेन के कालेजों में प्रवेश शुरू हो गए हैं। अपने मेरिट के दम पर वहां किसी कालेज में प्रवेश के लिए चुने गए छात्र के लिए भारी-भरकम किराया किसी सजा जैसा है।

गुप्ता ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव पीएस खरोला को इस बारे में अलर्ट भी किया है।डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियामक ने विमानन कंपनियों से भारत-ब्रिटेन के बीच की फ्लाइट टिकट की विस्तृत जानकारी देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि घरेलू उड़ानों के लिए पिछले साल 25 मई को न्यूनतम और अधिकतम हवाई किराए की सीमा तय कर दी गई थी। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं है।

विस्तारा ने कहा, मांग और आपूर्ति से तय होता है किराया

दिल्ली-लंदन और मुंबई-लंदन रूट पर फ्लाइट संचालित करने वाली विस्तारा ने किराए के सवाल पर कहा, ‘टिकट का दाम आपूर्ति और मांग से निर्धारित होता है। अभी भारत-ब्रिटेन के बीच हफ्ते में मात्र 15 उड़ानों की अनुमति है। जैसे-जैसे उड़ानें बढ़ेंगी और ज्यादा क्षमता के साथ उड़ान की अनुमति मिलेगी, किराए नीचे आ जाएंगे।’

भारत में पिछले साल 23 मार्च से शेड्यूल्ड अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित हैं। जुलाई, 2020 से ब्रिटेन समेत दो दर्जन से ज्यादा देशों के साथ एयर बबल व्यवस्था के तहत सीमित उड़ानें संचालित की जा रही हैं। एयर बबल दो देशों के बीच की वह व्यवस्था है, जिसमें वे एक-दूसरे के यात्रियों को हवाई यात्रा की अनुमति देते हैं।

कोरोना काल में सरकार बनाए ट्रैवल बुकिंग रिफंड पालिसी देश में 90 फीसद लोग मानते हैं कि कोरोना काल में ट्रैवल बुकिंग कैंसलेशन पर रिफंड के मामले में सरकार पालिसी बनाए। आनलाइन प्लेटफार्म लोकल सर्किल्स के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। 359 जिलों में 37 हजार से ज्यादा लोगों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया। बहुत से ट्रैवल एजेंट, होटल और विमानन कंपनियां यात्रा रद कराने पर कोई रिफंड नहीं देते हैं।

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