Business

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का आंकड़ा 13 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर

दिल्ली। जीसटी और नोटबंदी के असर से भारतीय अर्थव्यवस्था बाहर निकलती दिख रही है। कम से कम मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के आंकड़े तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।

अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार के बाद अब मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पिछले 13 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर दर्ज हुआ है। नवंबर में मैन्यूफैक्चरिंग का सूचकांक यानी पीएमआई 52.6 के स्तर पर पहुंच गया। पिछले महीने यह 50.3 पर रही थी। अक्टूबर, 2016 के बाद से मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का यह सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा है।

पीएमआई लगातार चौथे महीने 50 से ऊपर रही है। 50 से ऊपर पीएमआई गतिविधियों में विस्तार का सूचक होता है। निक्केई इंडिया के सर्वेक्षण में पाया गया कि जीएसटी की दरों में कमी और मांग बढ़ने से उत्पादन में वृद्धि हुई। फैक्टरी उत्पादन बढ़ने से रोजगार सृजन की स्थिति सितंबर, 2012 के बाद से सबसे तेज रही।

इसके अलावा, निर्यात गतिविधियों में पिछले तीन महीने में पहली बार वृद्धि हुई। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी के दम पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर बढ़कर 6.3 फीसद रही है। इससे पहले लगातार पांच तिमाहियों के दौरान विकास दर में गिरावट आई थी।

जनवरी में विकास दर का अनुमान बदलेगा IMF-

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जनवरी में भारत के आर्थिक विकास दर अनुमान में संशोधन करेगा आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने कहा, ‘हम भारत के लिए अपने अनुमान अपडेट कर रहे है। इसमें विकास दर अनुमान भी शामिल है। जनवरी में हमारे वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में ये आंकड़े सामने आएंगे।’ दूसरी तिमाही में विकास दर में वृद्धि को आईएमएफ ने सकारात्मक संकेत कहा है।

विकास दर में रहेगी तेजी: देबरॉय

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख बिबेक देबरॉय का कहना है कि आने वाली तिमाहियों में विकास दर की तेजी बनी रहेगी। सरकार ने आर्थिक सुधार के कई कदम उठाए हैं, जिनसे यह रुख जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद ने भी सतत विकास दर और रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

Related Articles

Back to top button