Share Market की शानदार शुरुआत, बाजार खुलते ही चढ़ा Sensex
नई दिल्ली। Share Market की सोमवार को अच्छी शुरुआत हुई। सेंसेक्स 348 अंक ऊपर 49080 पर कारोबार कर रहा था। बैंकिंग शेयरों में अच्छे तेजी देखी गई। Indusind Bank का शेयर 3 फीसद तक चढ़ा हुआ था। वहीं LT का शेयर सबसे ज्यादा गिर गया था। NSE का Nifty 50 90 अंक ऊपर 14768 पर कारोबार कर रहा था।
Kotak महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रमुख (इक्विटी शोध) शिवानी कुरियन के मुताबिक इस हफ्ते बाजार की नजर टीकाकरण की गति, संक्रमितों की संख्या और कंपनी प्रबंधन की स्थिति पर टिकी है। इसके अलावा निवेशकों का सोमवार को जारी होने वाले थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर भी ध्यान होगा।
सैमको सिक्योरिटीज की प्रमुख (इक्विटर शोध) निराली शाह के मुताबिक संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती दिखाई है। लेकिन स्थिति अगर बिगड़ती है तो, मजबूती लंबे समय तक कायम नहीं रहेगी।
बता दें कि मई में अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से 6,452 करोड़ रुपये निकाले हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण निवेशक धारणा प्रभावित होने के बीच बाजार से निवेश रकम निकाली गई।
डिपोजिटरी आंकड़े के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने 1 से 14 मई के बीच शेयर बाजारों से 6,427 करोड़ रुपये और 25 करोड़ रुपये बांड बाजार से निकाले। इस दौरान शुद्ध रूप से 6,452 करोड़ रुपये बाजार से निकाले गए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश अधिकारी वीके विजयकुमार के मुताबिक FPI निकासी का कारण कोविड-महामारी की दूसरी लहर, इसकी रोकथाम के लिए विभिन्न राज्यों में लगाए गए ‘लॉकडाउन’ और इसके कारण GDP (सकल घरेलू उत्पाद) बढ़ोतरी और कंपनियों के आय और फायदे पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता है। इससे पिछले महीने में, शेयर बाजार और बांड बाजार से शुद्ध रूप से कुल 9,435 करोड़ रुपये की निकासी गई थी।
ग्रे के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन के मुताबिक महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला वास्तविक प्रभाव अभी साफ नहीं है, लेकिन निवेशक परेशान और सतर्क हैं।
मॉर्निंग स्टार इंडिया के एसोसएिट निदेशक-शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक FPI का ध्यान अब आर्थिक आंकड़ों के साथ इस बात पर है कि भारत कितनी जल्दी आर्थिक गति को प्राप्त करता है। अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसका नकारात्मक असर पड़ेगा।