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सरकार एक अरब डालर लौटा दे, हम मुकदमे वापस ले लेंगे : केयर्न

नई दिल्ली। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स खत्म करने के सरकार के फैसले के बाद केयर्न एनर्जी पीएलसी ने कहा है कि अगर सरकार उसकी रकम वापस कर देती है, तो वह तुरंत विभिन्न देशों में सरकार के खिलाफ दायर मुकदमा वापस ले लेगी। कंपनी के अनुसार वह रिफंड मिलने के एक या दो दिन अंदर फ्रांस से लेकर अमेरिका तक भारतीय संपत्तियों को जब्त करने से संबंधित मामले वापस लेने की घोषणा कर देगी। कंपनी ने वर्ष 2012 की रेट्रो टैक्स नीति को रद करने के सरकार के फैसले को साहसिक कदम करार दिया है।

पिछले महीने एक कानून के जरिये रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को खत्म कर दिया गया।इस कानून के तहत आयकर विभाग को 50 वर्ष तक पुराने ऐसे मामलों में कैपिटल गेन टैक्स लगाने का अधिकार था जिसमें स्वामित्व में बदलाव तो विदेश में हुआ है, लेकिन कारोबारी परिसंपत्तियां भारत में ही हैं। ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी को भारत में जमीनी क्षेत्र में सबसे बड़ी तेल खोज का श्रेय जाता है। केयर्न के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) साइमन थामस ने कहा कि सभी मामले वापस लेने और पिछली तारीख से टैक्स मांग के तहत जब्त राशि लौटाने की सरकार की पेशकश हमें स्वीकार है।

भारत सरकार से रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद केयर्न पेरिस में अपार्टमेंट तथा अमेरिका में एयर इंडिया के विमानों का जब्त करने के मामले वापस ले लेगी। थामसन ने कहा कि हमारे प्रमुख शेयरधारक ब्लैकराक और फ्रैंकलिन टेंपलटन इस पेशकश को स्वीकार करने के पक्ष में हंै।

सरकार को लौटाने होंगे 8,100 करोड़ रुपये

भारत की निवेश गंतव्य के रूप में छवि को ठीक करने के लिए सरकार ने पिछले महीने नया कानून लागू करते हुए वोडाफोन, सनोफी, केयर्न और सबमिलर जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ 1.1 लाख करोड़ रुपये की टैक्स मांग को छोड़ने का फैसला किया था। यदि ये कंपनियां भारत के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर सहमत हो जाती हैं तो रद टैक्स प्रविधान के तहत इनसे जुटाए गए 8,100 करोड़ रुपये वापस कर दिए जाएंगे। इसमें से 7,900 करोड़ रुपये अकेले केयर्न को वापस किए जाने हैं।

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