FDI आपत्तियों पर गृह मंत्रालय से मांगे गए विवरण
नई दिल्ली प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) प्रस्तावों को हरी झंडी देने की प्रक्रियाएं सुगम बनाने के लिए सरकार ने गृह मंत्रालय को प्रस्तावों पर उसकी आपत्तियों के पक्ष में विस्तृत विवरण देने की सलाह दी है। सूत्रों का कहना था कि गृह मंत्रालय के इस कदम से एफडीआइ प्रस्तावों को हरी झंडी मिलने में होने वाली बेवजह देरी को खत्म किया जा सकेगा। हालांकि सरकारी सूत्रों का यह भी कहना था कि पिछले कुछ समय के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा एफडीआइ प्रस्तावों पर दर्ज की गई आपत्तियों की संख्या में बड़ी कमी आई है।
पिछले चार वर्षों में गृह मंत्रालय ने एफडीआइ को मिलाकर 5,000 से ज्यादा निवेश प्रस्तावों को सुरक्षा संबंधी मंजूरी दी है। एक अन्य सूत्र का कहना था कि मंत्रालय ने पिछले कुछ समय के दौरान निवेश के लिए कई मानकों में ढील दी है और निवेश अनापत्ति की पूरी प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव किया है। उसके बाद मंत्रालय द्वारा निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी देने की प्रक्रिया ने काफी गति पकड़ी है।
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने वर्ष 2014 में 815, 2015 में 1,201 तथा 2016 में 1,260 निवेश प्रस्तावों को सुरक्षा संबंधी मंजूरी दी। मंत्रालय ने सभी निवेश प्रस्तावों के लिए एक सा सेक्योरिटी रेटिंग पैरामीटर तय कर रखा है। सरकार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबारी सहूलियत मुहैया कराने की कोशिशों के तहत मंत्रालय ने नेशनल सेक्योरिटी क्लीयरेंस पॉलिसी बनाई थी।