ट्रेन में लापता हुई पत्नी की तलाश में पति का संघर्ष, छत्तीसगढ़ बिलासपुर में अपहरण की आशंका
बिहार के बेतिया जिले के निवासी कृष्णा पटेल अपनी पत्नी मिथिला पटेल की खोज में कई दिनों से भटक रहे हैं। यह घटना 24 अगस्त की रात की है, जब कृष्णा और उनकी पत्नी मिथिला हरिद्वार से ट्रेन पकड़कर अपने घर बेतिया लौट रहे थे। मध्य प्रदेश के सागर रेलवे स्टेशन पर किसी कारणवश कृष्णा ट्रेन से उतर गए, जबकि मिथिला ट्रेन में ही रहीं और अकेली आगे का सफर तय करने लगीं। दुर्भाग्यवश, उनके पास मोबाइल फोन भी नहीं था, जिससे उनकी संपर्क सुविधा समाप्त हो गई।
कृष्णा को आशा थी कि मिथिला किसी तरह उनसे संपर्क करेंगी, पर दो दिनों तक कोई संदेश नहीं मिला। इस स्थिति ने कृष्णा की चिंता को बढ़ा दिया और वे बिहार से छत्तीसगढ़ तक अपनी पत्नी की खोज में जुट गए हैं।
करीब दो दिन बाद, कृष्णा को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाली उनकी पत्नी मिथिला ही थीं, और वह बेहद घबराई हुई और रोती हुई सुनाई दे रही थीं। मिथिला ने कृष्णा से दशहरा के बाद लौटने की बात कही और यह संकेत दिया कि वह किसी अज्ञात जगह पर हैं, जो बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के आसपास हो सकती है। इस फोन कॉल ने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया, क्योंकि मिथिला ने स्थान स्पष्ट नहीं बताया, और उनका स्वर किसी संकट की स्थिति की ओर इशारा कर रहा था।
कृष्णा ने उसी नंबर पर बार-बार कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। इसके बाद उन्हें कुछ अनजान नंबरों से कॉल आने लगे, लेकिन उन कॉल्स में कोई आवाज सुनाई नहीं देती थी। धीरे-धीरे उनका नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
कृष्णा ने इस दौरान अपनी पत्नी के मायके वालों से संपर्क करने का प्रयास किया। मायके वालों ने बताया कि मिथिला रायपुर के पास खपरी ताड़ में अपने भैया-भाभी के पास हैं। लेकिन जब कृष्णा वहां पहुँचे, तो यह जानकारी झूठी निकली। इस प्रकार की भ्रामक जानकारियों ने कृष्णा की चिंता को और गहरा कर दिया, जिससे उन्हें संदेह होने लगा कि उनकी पत्नी किसी गंभीर संकट में फँसी हुई हो सकती हैं।
अब स्थिति गंभीर हो चुकी है, और कृष्णा ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की शिकायत नजदीकी थाने में दर्ज कराई है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की गहन जांच की मांग की है, ताकि उनकी पत्नी मिथिला की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सके और इस घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जा सके। कृष्णा का मानना है कि मिथिला के मायके वालों द्वारा दी गई भ्रामक जानकारियाँ मामले को उलझा रही हैं, जिससे उन्हें संदेह है कि मिथिला को किसी तरह से जबरन रोका जा रहा हो।
कृष्णा पटेल ने मीडिया से भी इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने अनुरोध किया है कि उनकी पत्नी के लापता होने की खबर को प्राथमिकता के साथ प्रकाशित किया जाए, ताकि समाज में जागरूकता फैले और इस घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन भी तेजी से कदम उठा सके। कृष्णा को बस यही उम्मीद है कि उनकी पत्नी मिथिला सुरक्षित उनके पास लौट आएं।
कृष्णा का संघर्ष दर्शाता है कि अपने प्रियजनों की खोज में एक व्यक्ति किस हद तक परेशानियों का सामना कर सकता है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत दुःख का मामला है, बल्कि इससे जुड़ी कानूनी और सामाजिक सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करती है। उम्मीद की जाती है कि प्रशासन इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करेगा और मिथिला पटेल की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगा।
कृष्णा पटेल, बिहार के बेतिया के निवासी, अपनी पत्नी मिथिला पटेल के लापता होने के बाद उनकी खोज में हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। 24 अगस्त की रात, हरिद्वार से बिहार लौटते समय, मिथिला सागर रेलवे स्टेशन से ट्रेन में अकेले ही आगे बढ़ गईं। इसके बाद, एक अज्ञात स्थान से आए घबराहट भरे कॉल के माध्यम से उनकी स्थिति के बारे में कुछ संकेत मिले, परन्तु स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। मिथिला के सुरक्षित मिलने की कामना के साथ, कृष्णा ने प्रशासन और मीडिया दोनों से सहयोग की गुहार लगाई है।