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उन्नाव में भूमि कब्जे का विवाद: पीड़ित ने मुख्यमंत्री से की न्याय की अपील

उन्नाव में भूमि कब्जे का विवाद: रामचन्द्र ने मुख्यमंत्री से की न्याय की अपील, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के ग्राम कौटी में दबंगों द्वारा एक प्लॉट पर कब्जे और निर्माण कार्य में बाधा डालने का मामला सामने आया है। पीड़ित रामचन्द्र पुत्र स्व. गंगादीन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

रामचन्द्र के अनुसार, उन्होंने बीस वर्ष पूर्व अपने प्लॉट पर 25 यूकेलिप्टस के पेड़ लगाए थे और नींव डालकर निर्माण कार्य शुरू किया था। लेकिन 20 जनवरी 2024 को कुछ दबंगों ने जेसीबी मशीन से आकर उनके पेड़ उखाड़ दिए, नींव तोड़ दी और ईंटें उठा लीं। शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

रामचन्द्र ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों से भी संपर्क किया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनके प्लॉट की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

रामचन्द्र की अपील:
“अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो मैं उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार करूंगा।”

स्थान: ग्राम कौटी, थाना – अचलगंज, तहसील – उन्नाव, जिला उन्नाव

दबंगों द्वारा कब्जा कर प्लॉट पर निर्माण रोकने का मामला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक प्लॉट पर कब्जा करने और निर्माण कार्य रोकने का मामला सामने आया है। रामचन्द्र पुत्र स्व. गंगादीन, निवासी ग्राम कौटी, ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि दबंगों ने उनके प्लॉट पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया है।

रामचन्द्र के अनुसार, उन्होंने बीस वर्ष पहले ग्राम कौटी में स्थित सं0 1410 के प्लॉट में 25 यूकेलिप्टस के पेड़ लगाए थे और चारों ओर नींव बनाकर लिन्टर बांध दिया था। 20 जनवरी 2024 को सुबह करीब 10 बजे, गांव के कुछ दबंग, जिनमें उत्कर्ष पुत्र रामचन्द्र, सुरेन्द्र पुत्र अलोपी, अजीत पुत्र सुरेन्द्र, राजेन्द्र पुत्र अलोपी, विनीत, अमित और संजू पुत्रगण प्रदीप सेठ शामिल थे, जेसीबी के साथ आए और पेड़ उखाड़ दिए, नींव तोड़ दी और इंटों को उठा लिया।

रामचन्द्र ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक, तहसील समाधान दिवस, और जिलाधिकारी से भी संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।

रामचन्द्र ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि उपरोक्त अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए और उनके प्लॉट का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक सहायता प्रदान की जाए।

रामचन्द्र ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि उपरोक्त अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए और उनके प्लॉट का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक सहायता प्रदान की जाए।

रामचन्द्र पुत्र स्व० गंगादीन, ग्राम कौटी, थाना – अचलगंज, तहसील – अचलगंज, जिला उन्नाव

जब गांव के ही निवासी उत्कर्ष पुत्र रामचन्द्र, सुरेन्द्र पुत्र अलोपी, अजीत पुत्र सुरेन्द्र व राजेन्द्र पुत्र अलोपी तथा विनीत. अमित व संजू पुत्रगण प्रदीप सेठ नि० अचलगंज एकराय होकर जे०सी०बी० के साथ आये और मेरे यूकेलिप्टस के पेड़ों को काट डाला नींव तोड़ दी तथा ईंटें बीन लिये। प्रार्थी के मना करने पर भी नहीं हटे तमाम अन्य लोग दौड़ कर आये किन्तु इन्होने कार्य बन्द नही किया तथा मेरी नींव तोड़कर अपना सहन्न बना लिया तथा नींव में लगे हुये तीन हजार इंटे उठा लिया।
रामचंद्र ने बताया कि वह हमारे बच्चों के ऊपर स्कॉर्पियो चढ़ा दिया था मेरे परिवार पर आए दिन हो रहे जानलेवा हमले और फिर बच्चों को मरहम पट्टी करवाई सिलसिला यहीं तक नहीं रुक अब अपराधी किस्म के रोग मेरे और मेरे परिवार के जान के दुश्मन बने हुए हैं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है नहीं मिल रहा है अंत में रामचंद्र ने मीडिया से मदद की लगाई गुहार

रामचंद्र ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि वह सारी जगह अपनी शिकायतें दर्ज करवा चुके हैं पुलिस चौकी से लेकर एसडीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत पत्र भेज चुके हैं पर आज तक नहीं हुई कोई कार्यवाही जो कार्यवाही होती है वह सब एक तरफ होती है वही रामचंद्र ने मीडिया के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार लगाई है तथा कहां है कि दोषियों से मेरी जमीन को छुड़वाया जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए वही जानकारी देते हुए रामचंद्र ने बताया :-जब पुलिस द्वारा रिपोर्ट लगाई जाती है तो वह एक तरफ रिपोर्ट लगाकर भेज दी जाती है और हमारा उसमें कोई सहयोग नहीं रहता और पक्षों से पूछ कर कोई भी रिपोर्ट नहीं बनाई जाती एक तरफ रिपोर्ट बनाकर भेज दिया जाता है जब कहीं से न्याय की उम्मीद नजर नहीं आई तो मीडिया का सहारा लेते हुए रामचंद्र ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

ई खबर मीडिया के लिए  ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट

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