वाराणसी में पुश्तैनी संपत्ति पर अवैध व जबरदस्त कब्ज़ा किया मनोज कुमार गुप्ता ने..
दिलीप गुप्ता का आरोप: भाई मनोज कुमार गुप्ता ने किया अवैध कब्जा
उत्तर प्रदेश : जिला वाराणसी थाना मिर्जामुराद तहसील राजातालाब ग्राम गौर के निवासी दिलीप गुप्ता ने अपने भाई मनोज कुमार गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पुश्तैनी मकान और जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। दिलीप का कहना है कि मुंबई से लौटने पर उसके भाई और भतीजों ने जबरदस्ती उसका मकान कब्जा लिया और उसे मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर, दिलीप ने न्याय की गुहार लगाते हुए मीडिया के माध्यम से अपनी व्यथा सार्वजनिक की है। दिलीप का कहना है कि वह और उसका परिवार पिछले तीन सालों से इधर-उधर भटक रहे हैं।
मिर्जामुराद के गौर गांव में संपत्ति विवाद
वाराणसी के मिर्जामुराद के गौर गांव में भी एक ऐसा ही संपत्ति विवाद सामने आया है। छोटे भाई कल्लू गुप्ता ने अपने छोटे बच्चों के साथ घर के सामने धरना दिया। मामला यह था कि पिता की संपत्ति में बड़े भाई द्वारा हिस्सा न देने से नाराज कल्लू ने यह कदम उठाया।
गौर गांव निवासी बुध्धू गुप्ता के दो पुत्र हैं – बड़े मनोज गुप्ता और छोटे कल्लू गुप्ता। पिता की मृत्यु के बाद कल्लू गुजरात में रहकर नौकरी कर रहा था, लेकिन पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण गांव लौट आया। घर पहुंचने पर बड़े भाई मनोज ने उसे घर में घुसने से मना कर दिया और कहा कि यहाँ तुम्हारा कुछ नहीं है।
कल्लू गुप्ता की संघर्षमय स्थिति
कल्लू ने कई बार थाने से लेकर अन्य जगहों पर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। पिछले एक वर्ष से वह किसी न किसी के खाली पड़े रूम या टिन सेट में रह रहा था। उसकी पत्नी बीमार हो गई, जिसके इलाज का खर्च कुछ नेक दिल लोगों ने उठाया। बाद में खुद कल्लू भी बीमार पड़ गया और उसके परिवार को भोजन की भी समस्या होने लगी।
ग्राम प्रधान विजय कुमार गुप्ता ने कल्लू को राशन उपलब्ध कराया और डॉक्टर से उसका इलाज करवाया। गुरुवार को कल्लू गुप्ता ने अपने पुश्तैनी मकान के सामने पत्नी और बच्चों समेत धरना दे दिया। गांव के लोगों ने बताया कि युवक के साथ सरासर नाइंसाफी हो रही है।
पुलिस आयुक्त को शिकायत पत्र
दिलीप गुप्ता ने अपने भाई मनोज कुमार गुप्ता द्वारा पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा करने के सम्बन्ध में सहायक पुलिस आयुक्त राजातालाब, वाराणसी को शिकायत पत्र लिखा। दिलीप ने आरोप लगाया कि मनोज और उसके पुत्रगण सुरज और संदीप ने जबरदस्ती दिलीप के घर में घुसकर उसका सामान सहीत कब्जा कर लिया। जब दिलीप मुंबई से वापस लौटा और मकान खाली करने को कहा, तो मनोज और उसके पुत्रगण मार-झगड़ा पर आमादा हो गए और जान से मारने की धमकी दी।
दिलीप ने 26 मई 2024 को थानाध्यक्ष मिर्जामुराद को प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मनोज अपने को भाजपा का नेता और विश्व हिन्दू वाहिनी का पूर्व जिलाध्यक्ष बताकर दिलीप पर धौंस जमाता है। दिलीप और उसका परिवार डरा और सहमा हुआ है। दिलीप ने न्याय की गुहार लगाते हुए मीडिया के माध्यम से अपील की है कि उसे न्याय दिलाया जाए और उसके मकान से अवैध कब्जा हटवाया जाए।