दहेज के झूठे आरोप और विवाहिक कलह के बीच फंसा विजय कुमार: एक विस्तृत रिपोर्ट
देवरिया, उत्तर प्रदेश: विजय कुमार (29 वर्ष), पिता राम बधाई कुशवाहा, निवासी थाना खमपथ, देवरिया, अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। 2018 में पत्नी निशा से शादी के बाद उनका परिवारिक जीवन अच्छे से चल रहा था। विजय कुमार अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दुबई गए थे, लेकिन उनके पीछे क्या हुआ कि उनकी पत्नी निशा ने विजय के परिवार पर दहेज और झगड़े के गंभीर आरोप लगा दिए। इसके चलते दो साल पूर्व निशा अपने 5 साल के बेटे को लेकर मायके चली गई।
विजय कुमार ने बताया कि वह दुबई में काम कर रहे थे और अचानक उन पर झूठे आरोप लगाकर उनकी पत्नी मायके चली गई। जब विजय का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ, तो वह एक साल पहले भारत लौट आए। लौटने के बाद से वह बेरोजगार हैं और लगातार कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं। निशा ने विजय का फोन भी ब्लैकलिस्ट में डाल रखा है, जिससे वह उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
निशा के आरोप और विजय की मुश्किलें
निशा ने विजय और उनके परिवार पर दहेज की मांग और झगड़े के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, विजय का कहना है कि यह सारे आरोप झूठे हैं। विजय ने बताया कि निशा के मायके में ही किसी के साथ प्रेम संबंध है, जिसके चलते वह तलाक नहीं चाहती और प्रति माह ₹30,000 का गुजारा भत्ता मांग रही है। विजय ने यह भी आरोप लगाया कि जब वह दुबई में काम कर रहे थे, तो निशा का प्रेम संबंध उनके जानने वाले एक युवक से हो गया था। इसी के चलते निशा ने झूठे आरोप लगाकर उनसे पैसा वसूलने की कोशिश की।
बेरोजगारी और मानसिक प्रताड़ना
विजय कुमार की दुबई से लौटने के बाद से बेरोजगारी और कोर्ट केस की वजह से मानसिक प्रताड़ना बढ़ गई है। आर्थिक तंगी के चलते उनका केस लड़ने वाले वकील ने भी केस से हाथ खींच लिया है, जिससे उनका केस कमजोर पड़ रहा है। विजय ने बताया कि कोर्ट की सुनवाई के दौरान निशा से मुलाकात तो होती है, लेकिन कोई बातचीत नहीं होती।
परिवार की सजा
विजय कुमार का कहना है कि उन्होंने अपने परिवार के लिए दुबई में कमाई की, लेकिन पत्नी के झूठे आरोपों के चलते पूरा परिवार सजा भुगत रहा है। विजय ने यह भी बताया कि उनका 5 साल का बेटा इस झगड़े का निर्दोष शिकार है। वह अपने बेटे को अपने पास रखना चाहते हैं, लेकिन निशा के माता-पिता भी उसकी इस नाजायज जिद में उसका साथ दे रहे हैं।
जल्द फैसले की मांग
विजय कुमार अब चाहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा हो, ताकि वह और उनका परिवार इस मानसिक प्रताड़ना से मुक्त हो सके। विजय ने अपील की है कि कोर्ट में उनकी बात सुनी जाए और निशा से बातचीत की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और उन्हें न्याय मिल सके।
यह मामला उन कई मामलों में से एक है, जहां दहेज के झूठे आरोपों के चलते परिवारिक संबंध टूट रहे हैं और निर्दोष लोग मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। इस तरह के मामलों में न्याय की जल्द सुनवाई और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।