बगैर वर्दी के कर रहे कर्मचारी ड्यूटी,बगैर वर्दी के गार्ड करवा रहे नीलामी
शौचालय मे लगे ताले , पीने के पानी में तैरते हुए मिले कीड़े मकोड़े छिपकली
आष्टा। नवनिर्मित कृषि उपज मंडी बाइपास पर असुविधा के चलते किसान शुद्ध पानी तक के लिए तरसता है। यही नही शौचालय में ताले लगे हुए है। किसानो को माल भरने के नाम पर मनमाना प्याज लहसुन निकाला जाता है। जिसकी शिकायत जागरूक किसान ने मंडी सचिव श्रीमति प्रवीण सिंह चौधरी से की जिसे मंडी सचिव ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल मंडी पहुची और औचक निरीक्षण के दौरान अधीनस्थ कर्मचारीयो को जमकर फटकार लगाई। यही नही सचिव के पहुचने के तत्काल बाद शौचालय के ताले खुल गए। वही शौचालय में कंउे लकड़ी रखे हुए थे। उन्हे तत्काल निकाला गया। आज भी शौचालय की दीवार के पास ही कंउे जमे हुए है। मंडी सचिव को उपस्थित किसानो ने पीने के पानी की टंकी का ढक्कन खोलकर दिखाया तो उसमे बारिक बारिक कीड़े के साथ छिपकलियां निकली जिसे जिसे मंडी सचिव ने तत्काल टंकी खाली करवाकर साफ कर दूसरा पानी भराने के निर्देश दिए यही नही और भी पानी की टंकीयां चेक की गई। साथ में मंडी कार्यालय में रखी दो पानी की टंकी शोपीज दिख रही है। यही नही शौचालय में उड़ती हुई बदबू महीनो से साफ नही होने के कारण मंडी कर्मचारी तक अपने कार्यालय मे बने शौचालय मे नही जाते कहने को तो कार्यालय के अलावा दो शौचालय और है। एक में ताला लगा हुआ है। दूसरे शौचालय के अज्ञात चोर गेट चुरा ले गए। इन तीनो शौचालयो में गंदगी और बदबू के कारण कर्मचारी सहित किसान व्यापारी खुले मे शौच करने पर मजबूर है। मंडी प्रशासन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि स्वच्छ भारत बने लेकिन स्थानीय जवाबदार की लापरवाही के चलते शौचालय होने के बावजूद भी मंडी मे आने वाले सभी लोग खुले में शौच करने पर मजबूर है।
मंडी में अन्नदाता गंदा पानी पीने पर मजबूर
लहसुन प्याज का क्रय विक्रय नवनिर्मित मंडी में किया जा रहा है। जहां किसानो के शोषण के साथ देश के अन्नदाता को शुद्ध पानी तक मंडी प्रशासन उपलब्ध नही करा पा रहा है। किसानो के लिए जो पीने का पानी है। उसमें छोटे छोटे कीड़े भिनभिनाते मच्छर तैरती हुई छिपकली का पानी भी किसानो को मजबूरी मे पीना पड़ता है। साथ में खुले में जमीन पर रखी हुई टंकी में आसानी से जहरीला जानवर जा सकता है। न तो शुद्ध पानी हेै न ही ठंडा । देश के अन्नदाता को न शुद्ध पीने का पानी है न ठंडा है।
कर्मचारीयो की जगह बिना वर्दी के गार्ड करवा रहे नीलामी
प्याज लहसुन की नीलामी शुरू की जाती है नियमानुसार परमनेंट वर्दीधारी कर्मचारी नीलामी करा सकता है। एवं किसानो को पर्चा दिया जाता है लेकिन नवनिर्मित मंडी में केवल एक ही कर्मचारी ने वर्दी पहनी थी। और हद तो जब हो गई कि जो नीलामी करवा रहे थे। वो फर्जी है। क्योकि वो कर्मचारी नही सुरक्षा गार्ड है। और न ही एक कर्मचारी को छोडकर किसी भी कर्मचारी अधिकारी के पास वर्दी नही थी। ऐसे मे किसान असमंजस की स्थिति मे रहता है कि आखिर वो कैसे पहचाने। और अपनी समस्या किसे बताए। औचक निरीक्षण के दौरान किसानो ने मंडी सचिव को अपनी समस्याओ से अवगत कराया है। देखना यह है कि समस्या हल कब तक होती है ?
शौचालय मे लगा ताला ,अंदर रखे कंडे,सचिव ने निकलाए
कहने को तो मंडी कार्यालय मे अलावा दो शौचालय और है। लेकिन साफ सफाई के अभाव में किसान उसमे शौच के लिए नही जाते। और एक में ताला लगा है। जिसे खुलवाया तो उसमे कंडे रखे मिले। जिन्हे तत्काल हटवाए गए। वही सचिव ने अपने अधीनस्थ को निर्देशित किया कि तत्काल सभी शौचालय की साफ सफाई कराई जाए। एवं शौचालय मे ताले नही लगाए। क्योकि अभी तक गंदगी बदबू शौचालय में पानी तक नही है। और एक में ताले लगने के कारण किसान और व्यापारी खुले में शौच करने पर मजबूर है। आज देश का अन्नदाता मंडी में सुख सुविधा के अभाव में यहां वहां भटकने पर मजबूर है।
नीलामी मंडी मे ,तुलाई कई किलोमीटर दूर,किसानो का नुकसान
किसानो के लहसुन प्याज की नीलामी नवनिर्मित मंडी में होती है। और तुलाई और भुगतान के लिए किसानो को व्यापारीयो के गोडाउन पर जो मंडी से दूर दराज है जहां किसानो को अपनी उपज तुलाई एवं भुगतान के लिए जाना पड़ता है। जो मंडी से 5 किलोमीटर दूर है। ऐसे में किसानो को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। वही कई प्रकार की पेरशानीयो का सामना करना पड़ता है। जहां व्यापारीयो के गोडाउन है। वहां कोई भी मंडी कर्मचारी नही रहता हेै। जिसके चलते कई बार खराब माल बताकर नीलामी खरीदी से कम भाव के रूपए दिए जाते है। जिससे किसान और व्यापारी के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है। इसलिए किसानो ने मंडी सचिव से मांग की कि जहां नीलामी हो वही तुलाया जाए। वही पर भुगतान भी किया जाए।
नवनिर्मित मंडी में मैने औचक निरीक्षण किया है। जिसमे पानी शौचालय तुलावटी आदि समस्या किसानो ने बताई है। हल करने का प्रयास किया जाएगा।
श्रीमति प्रवीण चौधरी मंडी सचिव आष्ट
ई खबर मीडिया के लिए आष्टा से राजकुमार पाल की रिपोर्