अज्ञात व्यक्ति द्वारा जिले में जगह जगह चिपकाया गया प्रधानमंत्री के नाम से शिकायती पत्र
शहडोल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था निजी अस्पताल अनुभवहीन व्यक्ति कर रहे डायलिसिस, अज्ञात ने जताया रोष!
मध्य प्रदेश: शहडोल जिला चिकित्सालय परिसर वह शहर में जगह-जगह किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से एक शिकायती पत्र चिपकाया गया। पत्र में जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं जब जिस प्राईवेट हॉस्पिटल की शिकायत लिखी गई थी उन्हे इसकी सूचना मिलते ही उनके ही कर्मचारी द्वारा कुछ ही देर में इस पत्र को पूरे जिला अस्पताल परिसर से निकलते हुए देखा गया। तथा निजी अस्पताल वाले अपनी गलती को छुपाते नजर आए वह सबूत मिटाते नजर आए।
पत्र में कहा गया है कि उक्त निजी अस्पताल में डायलिसिस के दौरान कई मरीजों की जान चली गई है। डायलिसिस करने वाला व्यक्ति, गणेश कुशवाहा, न तो योग्य है और न ही उसके पास कोई अनुभव या डिग्री आदि है। नियमों को ताक पर रख कर हो रहा काम अस्पताल में काम मरीजों की जान राम भरोसे हैं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि उक्त निजी अस्पताल में एक महिला की डिलेवरी के दौरान यून्टर फट गया था, जिसके कारण उसकी जान चली गई। दो साल पहले भी इसी अस्पताल में एक महिला की डिलेवरी के बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। तथा इस अस्पताल के डॉक्टर वह मेनेजमेंट ने केस रफा दफा कर दिया था।
पत्र में जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि सीएमओ एमएस सागर भ्रष्ट अधिकारी हैं और उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना कर उनका भी पालन नहीं किया।
अज्ञात ने लगाई प्रधानमंत्री से मदद की गुहार!
पत्र में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि वे उक्त निजी अस्पताल और जिला स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जांच करवाएँ और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें।
पुलिस ने युवती की आत्महत्या का मामला दर्ज कियाः
अमलाई थाना क्षेत्र में एक युवती ने 2 सितंबर 2022 को थाने के सामने खुद को आग लगा ली थी। युवती ने एक पटवारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की शी।
शहडोल संभाग में आमजनता न्याय के लिए दर-दर भटकते!
पत्र में यह भी कहा गया है कि शहडोल संभाग के अधिकारी अफसरों के यहाँ आमजनता के साथ न्याय नहीं होता है। पुलिस और प्रशासन की ओर से भी आमजनता की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
क्या लिखा है शिकायत पत्र में?
मोदी सरकार की गारंटी?
मोदी जी बोलते है कि मेरी गारंटी पर गारंटी है, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी कोई गारंटी नहीं है भ्रष्ट अधिकारी लोगों की गारंटी नहीं है कि वे ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभा रहे है या नहीं निभा रहे हैं। उच्च न्यायालय हाई कोर्ट ने आदेशित किया दिनांक 23.02.2022 डब्लू.एन.ओ. 1138 / स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.ओ. एम.एस. सागर पूर्व में शहडोल म।प्र। में उस भ्रष्ट अधिकारी की पोस्टिंग रही, आदेशित किया एक प्राइवेट हास्पिटल जांच करने की, उस हास्पिटल में हमेशा मौतें होती हैं, कई मरीजो की जान चली गई, वह हास्पिटल जिला मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय के बगल से शहडोल म।प्र। में है, उस हास्पिटल में डाक्टर लोग बिना डिग्री के मरीजों का इलाज करते हैं, उस प्राइवेट हास्पिटल का प्रबंधक द्विवेदी है और डॉक्टरों के ऊपर न कोई जांच होती है और न कोई कार्यवाही करते है ऐसे भ्रष्ट अधिकारी सी.एम.ओ. एम.एस. सागर जैसे लोग स्वास्थ्य चिकित्सालय में रहेगें तो प्राइवेट हास्पिटलें बिना पंजीकरण के, बिना डिग्री वाले डॉक्टर धड़ल्ले से हास्पिटलें चल रही है, एक गोरखपुर उ।प्र। की प्राइवेट हास्पिटल है जिसका नाम ईसू है उसमें एक मुर्दे का इलाज चल रहा था उस हास्पिटल में, वहाँ का प्रशासन डी.एम और पुलिस प्रशासन ने दबिश किया 20.02.2024 को वहाँ का प्रशासन मुआयना और जांच करने पहुँचे उस हास्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं रहा। फिर आईसीयू रूम में गये एक पेसेन्ट एडमिट रहा वेन्टीलेटर में, डी.एम. ने अटेण्डम से पूछा कि यह कौन पेसेन्ट है अटेण्डम के मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और वह कुछ बता नहीं पा रहा था। फिर उस पेसेन्ट का एक परिजन रहा, उसका नाम रामेश्वर रहा, उसने डी.एम. को बताया कि ये हमारे पिताजी है ये घर में स्लिप हो गये और गिर पड़े और सिर में चोट लग गई तो मैंने इनको एडमिट करवाया तीन दिन हो गये डाक्टर लोग कुछ सही नहीं बता रहे हैं। फिर डी.एम. ने उस पेसेन्ट को हिलाया डुलाया तो कुछ मूमेंट नहीं हो रहा था न तो उसकी सांसे चल रही थी और न ही धड़कन चल रही थी फिर उस पेसेन्ट को सरकारी हास्पिटल भेजा गया वहाँ के डॉक्टर लोग चेक किये फिर बोले कि इस पेसेन्ट की मृत्यु हो गई है फिर पोस्टमार्डम हुआ रिपोर्ट आई कि इस पेसेन्ट की 48 घंटे पहले मौत हो चुकी है फिर वहाँ का डी.एम. प्रशासन उस प्राइवेट हास्पिटल ईसू को उसके मालिक समेत 8 लोगों को गिरतार किया, किसी के पास कोई डिग्री नहीं रही और कोई डॉक्टर भी नहीं रहा और उस हास्पिटल को भी शील कर दिये एक तरफ गोरखपुर यू.पी. का डी.एम. उस हास्पिटल के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही किया। एक हमारा शहडोल का स्वास्थ्य चिकित्सालय भ्रष्ट डॉक्टर अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश के बाद सी.एम.ओ. एस.एस. सागर टीम गठित किया जांच करने के लिये उस टीम में डॉक्टर ए0के0लाल, डॉक्टर वाई0के0 पासवान, डॉक्टर हीरालाल शुक्ला उस हास्पिटल में डॉक्टरो की टीम जांच करने गई। उस हास्पिटल का प्रबंधक द्विवेदी स्वास्थ्य चिकित्सालय की टीम को देखा सब लोगों को नाश्ता करवाया और ठंडा पिलाया टीम का जो कप्तान रहा एम.एस. सागर भ्रष्ट अधिकारी उसके लिये भी नाश्ते का पार्सल पैकेट और एक ठंडी बोतल कोक की दे दिया डॉक्टर ए0के0लाल को, यहाँ के स्वास्थ्य चिकित्सालय इस प्रकार की जांच करते है। यह मोदी सरकार की गारंटी है।
यह घटना शहडोल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था और पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा करती है। प्रधानमंत्री से अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्र के जरिए आग्रह किया गया की वे इस मामले में त्वरित कार्यवाही करेंगे और दोषियों को सजा कड़ी से कड़ी दिलाएंगे।
ई-खबर मीडिया ब्यूरो, देव शर्मा की रिपोर्ट