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विदेश में रहने वाले 30 लाख ब्रिटिश नागरिक डालेंगे वोट

 विदेशों में रहने वाले भारतीयों सहित 30 लाख से अधिक ब्रिटिश नागरिकों के लिए अच्छी खबर आई है। इन लोगों को चुनाव अधिनियम 2022 के लागू होने के बाद ब्रिटिश आम चुनावों और जनमत संग्रह में मतदान का अधिकार मिल गया है। यह 1928 में पूर्ण महिला मताधिकार की शुरुआत के बाद से ब्रिटिश चुनावी मताधिकार में सबसे बड़ी वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। दरअसल, मतदान करने के अधिकारों पर लागू 15 साल की सीमा को मंगलवार को समाप्त कर दिया गया है। दुनिया भर में ब्रिटिश नागरिक आॅनलाइन मतदान करने के लिए पंजीकरण कर सकते हैं, चाहें वे कितने समय से विदेश में हों। यह ब्रिटेन के मतदाताओं से जुड़ा हुआ होगा, जहां पर वे या तो मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं या रहते हैं। पंजीकरण के बाद, वे तीन साल तक मतदाता सूची में बने रहेंगे। इसके अलावा, पंजीकरण होने के बाद मतदाता डाक या प्रॉक्सी वोट के लिए आॅनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। यह कानून ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों और विदेशों में समर्थकों के वैश्विक नेटवर्क वोट्स फॉर लाइफ अभियान का हिस्सा है, जिसका नेतृत्व कंजर्वेटिव अब्रॉड कर रहा है। यह अभियान लंबे समय से कंजर्वेटिव के घोषणापत्र में रहा है।

दुनियाभर में मिलेगी ब्रिटिश नागरिकों को पहचान

कंजर्वेटिव्स अब्रॉड के अध्यक्ष हीथर हार्पर ने कहा, विदेश में रहने वाले लोगों, काम करने वाले और सेवानिवृत्त सभी को वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने से रोका गया है। नया नियम ब्रिटेन को दुनियाभर में अपने नागरिकों के महत्व को पहचानने में अमेरिका, फ्रांस, इटली और न्यूजीलैंड जैसे लोकतंत्रों के बराबर खड़ा करता है।

सर्वे में दावा- हार की कगार पर हैं पीएम सुनक

इधर ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार का जाना तय माना जा रहा है। ङ्म४ॠङ्म५ ओपिनियन पोल की मानें तो इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की हार होने वाली है। सुनक की विरोधी लेबर पार्टी ब्रिटिश सीनेट में 385 सीटें जीत सकती है। जबकि कंजर्वेटिव पार्टी केवल 169 सीटों पर ही सिमट सकती है। 1997 के आम चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था, जब लेबर पार्टी के टोनी ब्लेयर ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी और कंजर्वेटिव पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।

सुनक बोले- जनता हमारी योजना को पसंद कर रही

मेरे लिए सिर्फ एकमात्र सर्वे मायने रखता है, जो जनवरी 2025 तक होना चाहिए, ये आम चुनाव है। ब्रिटेन में आम चुनाव साल के अंत तक भी हो सकता है। ब्रिटेन के लोग हमारी योजनाओं के साथ खड़े हैं, जो सफल साबित हो रही हैं। इन्हें सभी पसंद कर रहे हैं।

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