सरकार क्रिप्टो नीति लाने की तैयारी में:क्रिप्टो की तबाही से भारत अलर्ट, इस बजट में बड़ी घोषणा संभव
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स रातोंरात तबाह हो गया। इसकी 32 अरब डॉलर की पूंजी एकाएक शून्य हो गई। क्रिप्टो के खेल में पहले भी कई बार धोखा खा चुके भारतीय निवेशकों के लिए यह बड़ा झटका साबित हुआ है। एफटीएक्स में भी भारतीय निवेशकों का पैसा डूबा है। इससे भारत सरकार अलर्ट हो गई है।
सूत्रों की मानें तो क्रिप्टो के कारोबार को लेकर सरकार ठोस फैसला लेने का मन बना चुकी है। वह सभी पक्षों से राय ले रही है। एफटीएक्स जैसे ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर हितधारकों से चर्चा चल रही है। अगले दो महीने में किसी नतीजे पर पहुंचकर फरवरी के आम बजट में सरकार अपना रुख साफ कर देगी।
क्रिप्टो पर सख्ती कम नहीं होगी, सरकार और शिकंजा कसेगी
भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टो को लेकर कठोर रुख लेता रहा है। सरकार भी डिजिटल एसेट्स पर टैक्स लगाकर किसी भी आय को टैक्स से अलग न रखने की प्रतिबद्धता दिखा चुकी है। ऐसे में सरकार देश के हितों और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के रुख का मिलान कर क्रिप्टो नीति तैयार करेगी।
भारत को 2023 के लिए जी-20 की अध्यक्षता मिली है। ऐसे में दुनिया की 75% जीडीपी वाले इस समूह के दिशा-निर्देशों का पालन करना भारत के लिए नैतिक विवशता बनता जा रहा है। इसके 3 रास्ते खुले हैं:
भारत दुनियाभर में क्रिप्टो पर पाबंदी का एजेंडा पेश करे, जिसे बजट व जी-20 के मंच से स्पष्ट आवाज दी जाए।
क्रिप्टो को लेकर भारत ऐसा रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पेश करे, जो दुनिया के लिए मिसाल बने।
क्रिप्टो अवैध बनी रहे। आय पर टैक्स लगाने समेत ऐसे कदम उठाए कि कारोबार नामुमकिन हो जाए।
भारत से काम नहीं करेगी बाइनेंस, कहा- क्रिप्टो फ्रेंडली माहौल नहीं
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस के सीईओ चांगपेंग झाओ ने कहा है कि भारत में क्रिप्टो-फ्रेंडली माहौल नहीं है। अधिक टैक्स के कारण वैश्विक खिलाड़ी के लिए भारत आना संभव नहीं। हर ट्रांजेक्शन पर 1% टैक्स है। एक दिन में 50 ट्रेड करते हैं, तो 70% पैसा खो देंगे।
एक साल में कई करंसी धराशायी हो चुकी, क्रिप्टो का साम्राज्य ढहने की तैयारी
एक साल पहले क्रिप्टो 243 लाख करोड़ रु. की इंडस्ट्री थी। तबसे कई क्रिप्टो करंसी धराशायी हो चुकी हैं। क्रिप्टो को रेगुलेट किया भी जाता है, तो निवेशकों को पैसे की गारंटी देना संभव नहीं होगा। एफटीएक्स घोटाले के बाद निवेशकों का भरोसा खत्म होने लगा है। ऐसे में क्रिप्टो का साम्राज्य ढह सकता है।