सीएम की प्राथमिकता वाली इन 16 योजनाओं को लेकर सरकार गंभीर, अब हर महीने होगी विभागों की समीक्षा
रायपुर। चुनावी वर्ष शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन अब हर महीने इन योजनाओं की समीक्षा करेंगे। इसके लिए संबंधित विभागों को हर महीने की सात तारीख तक योजना की प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन की धीमी गति को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार राम वनगमन पथ, सुपोषण अभियान, आय में वृद्धि, गोबर खरीदी सहित कुल 16 योजनाएं मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। ये योजनाएं जनता से सीधे जुड़ी हुई हैं और बड़े वोट बैंक को प्रभावित कर सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन योजनाओं की मुख्य सचिव लगातार समीक्षा करते हैं, लेकिन अब विभागों को नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट भी देनी होगी।
पोर्टल के माध्यम से भी मानिटरिंग
इन योजनाओं की आनलाइन मानिटरिंग के लिए सरकार ने सीजी कैंप पोर्टल श्ाुरू किया है। इसके जरिये योजनाओं की जिलेवार प्रगति और उसका तुलनात्मक आकलन किया जा सकता है। इस एकीकृत डैशबोर्ड में वास्तविक समय पर राज्य की प्रमुख योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होती है।
योजनाएं और संंबंधित विभाग
0 आय बढ़ाने के उपाय- आवास, नगरीय प्रशासन, राजस्व, लोक निर्माण व जल संसाधन विभाग।
0 राम वनगमन पथ- पर्यटन, जल संसाधन, वन विभाग।
0 लोक सेवाओं की घर पहुंच सेवा- सामान्य प्रशासन व नगरीय प्रशासन विभाग।
0 हाट बाजार क्लिनिक, शहरी स्लम स्वास्थ्य- स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन व खनिज विभाग।
0 सिंचाई क्षमता का विस्तार- जल संसाधन विभाग।
0 किसानों को धान के अतिरिक्त अन्य फसल के लिए प्रोत्साहित करना- कृषि विभाग।
0 नरेगा व गोठानों के नजदीक मत्स्यपालन- पंचायत विभाग।
0 गोबर खरीदी- कृषि व वन विभाग।
0 लघु वनोपज, फलदार व औषधीय पौधों का रोपण- वन, वाणिज्य एवं उोग विभाग।
0 दूरस्थ अंचलों में स्टील ब्रिज का निर्माण- लोक निर्माण विभाग।
0 राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण- राजस्व विभाग।
0 नगरीय निकायों द्वारा दी जा रही सेवाओं का समय सीमा में निराकरण- नगरीय प्रशासन विभाग।
0 ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित भूखंड का उपयोग- आवास, नगरीय प्रशासन विभाग।
0 सुपोषण अभियान- महिला एवं बाल विकास विभाग।
0 चिटफंड राशि वापसी की प्रगति- गृह विभाग।
0 आदिवासियों पर दर्ज प्रकरणों की वापसी- गृह विभाग