छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल बोले- जो कुर्सी के लिए पार्टी छोड़ दे, उसकी बात का क्या जवाब दूं
रायपुर : आकांक्षी जिलों की समीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य सरकार को कुपोषण और शिक्षा के मुद्दे पर घेरा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली रवाना होने से पहले स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में सिंधिया पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग कुर्सी के लिए पार्टी छोड़ें, जिनकी खुद की कोई विचारधारा नहीं, उनके बारे में क्या बात करें। वे सिंधिया जैसे लोगों की बातों का जवाब नहीं देते। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि सिंधिया के पहले के भाषण को सुन लीजिए और अब क्या बोल रहे हैं, उसे भी सुनें। आपको अंतर साफ समझ आ जाएगा।
मुख्यमंत्री बघेल के बयान के बाद केंद्रीय मंत्रियों पर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला ने केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर जमकर सवाल किया। कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि आकांक्षी जिलों को केंद्रीय मंत्रियों ने क्या दिया? वर्ष 2020 के बाद से आकांक्षी जिलों को जारी होने वाली 51 करोड़ से अधिक की राशि अभी तक जारी नहीं की गई।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ने छत्तीसगढ़ की उड़ान और एयरपोर्ट की मजबूती के लिए कुछ भी नहीं कहा। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने महंगाई, पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम पर कुछ नहीं कहा और जब सवाल पूछा गया, तो झुंझला गए। लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा ने धान से एथेनाल बनाने के प्लांट लगाने की अनुमति व फूड प्रोसेसिंग प्लांट पर कोई चर्चा नहीं की। संचार मंत्री देवूसिंह चौहान राज्य में मोबाइल टावर लगाने के लिए सिर्फ बयान दिया, लेकिन कोई कार्ययोजना नहीं बताई। यही हाल जलवायु परिवर्तन मंत्री अश्वनी चौबे का था।