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मध्य प्रदेश में पटवारी के 5,204 पद मंजूर, तीन हजार की होगी भर्ती

भोपाल। प्रदेश में पांच हजार 204 पटवारी की भर्ती होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस वर्ष तीन हजार पदों के लिए भर्ती होगी। वहीं, आइटीआइ के अतिथि प्रवक्ताओं को अब दस की जगह 14 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।

राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में राजस्व प्रशासन के कामों में जिस तरह से वृद्धि हो रही है, उसे देखते हुए पटवारी के नए पदों की आवश्यकता थी। कैबिनेट ने पांच हजार 204 पदों के सृजन की अनुमति दी है। वित्त विभाग की आपत्ति थी, इसलिए पहले तीन हजार पद भरे जाएंगे। पहली बार नगरीय निकायों मंे पचास हजार की जनसंख्या पर एक सेक्टर का निर्माण किया जाएगा।

प्रत्येक सेक्टर में एक नगर सर्वेक्षक (वरिष्ठ पटवारी) की नियुक्ति होगी। एक अन्य निर्णय में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आइटीआइ) में प्रशिक्षण अधिकारियों के स्वीकृत पदों में से रिक्त पदों के विरुद्ध 11 माह के लिए अतिथि प्रवक्ता की नियुक्ति की जाएगी। इन्हें एक माह में अधिकतम 14 हजार रुपयेे मानदेय दिया जाएगा। यह अभी 10 हजार रुपये प्रतिमाह है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कन्या शिक्षा परिसर, सीहोर का संचालन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में निजी सहभागिता अंतर्गत सूर्या फाउंडेशन के माध्यम से किए जाएगा। प्रोजेक्ट सफल होने पर इसे अन्य संस्थाओं में भी लागू किया जाएगा।

बैठक में राष्ट्रीय केनो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अर्जित करने वाली कावेरी ढीमर को 11 लाख रुपये की पुरस्कार राशि देने, नर्मदापुरम-पिपरिया, नर्मदापुरम- टिमरनी , हरदा-आशापुर-खंडवा, सिवनी-बालाघाट, रायसेन-गैरतगंज-राहतगढ़, पिपरिया-नरसिंहपुर-शाहपुर, देवास- उज्जैन-बड़नगर-बदनाव, रीवा-ब्योहारी, ब्योहारी-शहडोल, रतलाम-झाबुआ, गोगापुर-महिदपुर-घोसला, मलेहरा-लौंदी-चांदला-अजयगढ़ और चांदला-सरवई-गौरीहर-मतौंड मार्ग पर कार और बस से टोल टैक्स नहीं लेने का निर्णय लिया गया।

50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए तीन परियोजनाओं को मंजूरी

बैठक में रीवा में त्योंथर माइक्रो सिंचाई, बुरहानपुर की पांगरी मध्यम (होज) सिंचाई परियोजना और सिंगरौली जिले की रिहंद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इससे 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा विकसित होगी।

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