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कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निष्कासित जीशान हैदर ने मांगा प्रियंका गांधी वाड्रा का इस्तीफा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस की पराजय के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले जीशान हैदर को भले ही पार्टी ने छह वर्ष के लिए बाहर कर दिया है, लेकिन वह प्रियंका गांधी वाड्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। जीशान हैदर ने मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर प्रियंका गांधी वाड्रा का इस्तीफा मांगा है।

जीशान हैदर ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित पत्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को 403 सीट पर प्रत्याशी उतारने के बाद भी बुरी हार का जिम्मेदार माना है। जीशान हैदर ने कहा कि इससे पहले भी प्रदेश में जब-जब भी चुनाव परिणाम खराब रहा है तो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और प्रभारी दोनों ने इस्तीफा दिया है। अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने तो इस्तीफा दे दिया है अब तो प्रियंका गांधी वाड्रा को भी इस्तीफा दे देना ही चाहिए। जीशान ने आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी वाड्रा के नौकरों की वजह से कांग्रेस की स्थिति खराब होती जा रही है। अब तो उनका उनके इस्तीफा देना चाहिए।

यूपी कांग्रेस अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू के इस्‍तीफे के बाद अब पार्टी के भीतर प्रियंका गांधी के इस्‍तीफे की मांग पुरजोर तरीके से उठने लगी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि हार किसी एक की नहीं यह सबकी जिम्मेदारी है। उनका कहना है कि पार्टी के ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को भी आत्‍मंथन करके यूपी चुनाव की हार को लेकर सामुहिक जिम्‍मेदारी लेनी पड़ेगी।

जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को प्रियंका गांधी के इस्‍तीफे की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा कि पार्टी प्रियंका गांधी से भी महासचिव का पद वापस लें और उन्‍हें कार्यमुक्‍त कर दें। जब तक प्रियंका गांधी रहेंगी वही हराने वाले नौकर उनके साथ रहेंगे और वही टीम रहेगी। जीशान ने आगे लिखा कि प्रियंका गांधी की टीम की वजह से ही यूपी 387 विधानसभाओं में हमारी जमानत जब्‍त हुई है। कहा जाता है कि कांग्रेस पार्टी सबकी है, तो हमें लगता है जितनी कांग्रेस पार्टी आपकी है उतनी ही हम सबकी भी। पार्टी की अच्‍छाई के लिए कोई कदम हो तो उसे लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।

इससे पहले बीती कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाने के मामले में कांग्रेस ने जीशान हैदर के खिलाफ कार्रवाई की थी। 11 मार्च को कांग्रेस ने जीशान हैदर को छह वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था। जीशान ने आरोप लगाया था कि 403 सीट पर लडऩे वाली कांग्रेस को सिर्फ दो सीट मिलीं जबकि 2017 में पार्टी को सात सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस में इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं उर्दू प्रेस विभाग के संयोजक जीशान हैदर ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिये पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर पर सवाल उठाए थे। उन्होंने यूपी कांग्रेस प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को हार के लिए जिम्मेदार बताया था। इसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने बयान जारी कर कहा था कि उनके संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के जरिये हैदर ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है। यह अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। इसी कारण उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटाते हुये छह साल के लिये निष्कासित किया जाता है।

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