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इंटरनेट मीडिया पर अंकुश के लिए पाकिस्तान में काला कानून

इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार को अपने देश में इंटरनेट मीडिया की आजादी पच नहीं रही है। इसलिए इमरान सरकार ने अब इंटरनेट मीडिया में पोस्ट करने पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। ‘प्रिवेंशन आफ इलेक्ट्रानिक क्राइम्स एक्ट-पीका’ में संशोधन किया गया है। इसके तहत पाक इंटरनेट मीडिया में किसी भी व्यक्ति का अपमान करने पर अब पांच साल की जेल होगी। इस अपराध को गैर जमानती बनाया गया है।

इंटरनेट मीडिया पर नियंत्रण के इरादे से यह कानूनी प्रविधान किया गया है। पाकिस्तानी मीडिया संगठन व पत्रकार इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे जनता के मूलभूत अधिकार का हनन करने वाला काला कानून बताया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा जारी एक अध्यादेश के प्रविधानों में बदलाव किए गए हैं। इससे कुछ दिन पहले पाक संचार मंत्री मुराद सईद के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों के लिए मीडिया महारथी मोहसिन बेग को गिरफ्तार किया गया था।

फर्जी खबरें फैलाने वालों को नहीं जाएगा बख्शा

कानून मंत्री बैरिस्टर फारुख नसीम ने भी चेतावनी दी थी कि फर्जी खबरें फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद प्रिवेंशन आफ इलेक्ट्रानिक क्राइम्स एक्ट-पीसा (संशोधन) अध्यादेश, 2022 लागू किया गया। नसीम ने कहा है कि फर्जी खबरें फैलाने को संज्ञेय अपराध के तौर पर माना जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जो भी हुआ वह बीती बात है, अब हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।

अध्यादेश में पीका की धारा 20 में संशोधन कर किसी व्यक्ति या संस्थान का अपमान करने के लिए जेल की सजा तीन साल से बढ़ाकर पांच साल की गई है। नए कानूनों में आनलाइन मंच पर सार्वजनिक मानहानि को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बना दिया गया है और मामले के शीघ्र निपटारे के लिए एक नई धारा जोड़ी है। इसमें कहा गया है कि मुकदमे की सुनवाई शीघ्रता से की जाए लेकिन मामले पर संज्ञान लेने के बाद छह महीने से ज्यादा की देरी नहीं होनी चाहिए।

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