गौतमबुद्ध नगर की इन दो सीटों पर भाजपा के कई नेताओं ने ठोकी टिकट की दावेदारी! दिखाई ताकत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जन विश्वास यात्रा रविवार को नोएडा व ग्रेटर नोएडा पहुंची। जनविश्वास यात्रा के बहाने टिकट के दावेदारों ने रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल व प्रदेश सरकार के मंत्री अशोक कटारिया व सुरेश राणा के सामने ताकत दिखाई। कुलेसरा से शुरू हुई जनविश्वास यात्रा में भीड़ दिखाने के लिए नोएडा विधानसभा से ही शुरुआत हुई। नोएडा से मौजूदा विधायक पंकज सिंह का टिकट तय माना जा रहा है। उनको युवा होने का भी लाभ मिल रहा है, लेकिन नोएडा से महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता व पूर्व महानगर अध्यक्ष जुगराज चौहान भी पार्टी के अंदर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
वहीं दादरी विधायक तेजपाल नागर इन दिनों सक्रिय होने के साथ-साथ जनविश्वास यात्रा में जोश व युवाओं के साथ पहुंचे। उन्होंने क्षेत्रीय अध्यक्ष के सामने संदेश देने का प्रयास किया कि कोई भी वर्ग उनसे नाराज नहीं है। यह तो समय ही बताएगा कि किसको टिकट मिलेगा, लेकिन दादरी से दावेदारी पेश करने वालों की संख्या सबसे अधिक है।
दादरी विधानसभा से टिकट की कतार में भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष सतेंद्र अवाना, जिला पंचायत सदस्य देवा भाटी, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रणीत भाटी, बिजेंद्र प्रमुख, सांसद प्रतिनिधि बलराज भाटी, बेवन नागर, तेजा गुर्जर, राज्य पिछड़ा आयोग के सदस्य बिजेंद्र भाटी, यतेंद्र नागर, योगेंद्र चौधरी, सुभाष भाटी, गजेंद्र मावी, इंदर नागर, इंद्रजीत टाइगर है।
राजनीतिक गलियारों में राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर व पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर की भी दादरी विधानसभा क्षेत्र में चर्चाएं जोरों पर है। हालांकि सुरेंद्र नागर इससे इनकार कर रहे हैं। वहीं जेवर से पूर्व जिलाध्यक्ष रकम सिंह भाटी, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सतेंद्र नागर व संजय सिंह ने दावेदारी पेश की है।
मौजूदा जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने पिछले विधानसभा चुनाव में रोमांचक मुकाबला अपने नाम किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन्हें बेहद करीबी माना जाता है, इसलिए उनका टिकट तय माना जा रहा है।
अलग-अलग तरीके से लुभाने का प्रयास
यात्रा के दौरान दावेदारों ने अलग-अलग तरीके से वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी दावेदारी पेश की। किसी दावेदार ने डीजे पर अपने नाम का गाना बजवाया तो किसी ने युवाओं की भीड़ दिखाकर अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया। कुछ दावेदारों ने बुजुर्ग को साथ लाकर दिखाने का प्रयास किया कि पुरानी पीढ़ी उनके साथ है।